बुधवार को पूर्णिया के लाइन बाजार में इलाज के दौरान मरीज की मौत पर परिजनों ने डाक्टर के क्लिनिक में जमकर बवाल काटा और डाक्टर के उपर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया। हंगामा होते देख क्लिनिक के डाक्टर और उनके सभी सहयोगी क्लिनिक छोड़कर भाग गए। देखते ही देखते क्लिनिक में लोगों की भी लग गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कि जलालगढ थाना क्षेत्र अंतर्गत डूमरा के रहने वाले मधुसूदन पासवान ( 65 वर्ष) को अस्थामा की शिकायत थी। उनके बेटा नीरज कुमार कुंडी पुल लाइन बाजार स्थित डाक्टर अरविंद कुमार के पास इलाज के लिए लाया। नीरज ने बताया कि डाक्टर ने काउंटर पर फिस जमा कराने के बाद भी करीब 4 घंटे तक मरीज को झांकने तक नहीं आया।
जब मरीज को परेशानी बढने लगा तो शिकायत करने पर कंपाउंडर ने एक इंजेक्शन लगा दिया। करीब 5 मिनट बाद और परेशानी ज्यादा बढ गई। डाक्टर खुद से एक बार भी झांकने तक नहीं आये। मधुसूदन ने इंजेक्शन लगने के कुछ ही देर बाद दम तोड़ दिया। डाक्टर ने हंगामा होने के डर से मौत की बात परिजनो को नहीं बताकर रेफर कर दिया। परिजनो ने मरीज को लेकर बगल के एक नर्सिंग होम पहुंचे तो वहां डाक्टर के जबाव सुनकर परिजनों के होश ही उड गए। डाक्टर ने मरीज को मृत घोषित कर दिया।
परिजन शव लेकर अरविंद कुमार के क्लिनिक पहुंचते ही डाक्टर और कर्मी भाग गए। उधर डाक्टर ने बचने के लिए 112 नंबर पर पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस क्लिनिक पहुंच कर जब जिस नंबर से फोन किया था उस नंबर पर फोन किया तो स्विच आफ बताने लगा। पुलिस ने परिजनों को समझा बुझाकर शांत किया।
सारस न्यूज़ टीम, वेब डेस्क, सारस न्यूज़।
बुधवार को पूर्णिया के लाइन बाजार में इलाज के दौरान मरीज की मौत पर परिजनों ने डाक्टर के क्लिनिक में जमकर बवाल काटा और डाक्टर के उपर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया। हंगामा होते देख क्लिनिक के डाक्टर और उनके सभी सहयोगी क्लिनिक छोड़कर भाग गए। देखते ही देखते क्लिनिक में लोगों की भी लग गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कि जलालगढ थाना क्षेत्र अंतर्गत डूमरा के रहने वाले मधुसूदन पासवान ( 65 वर्ष) को अस्थामा की शिकायत थी। उनके बेटा नीरज कुमार कुंडी पुल लाइन बाजार स्थित डाक्टर अरविंद कुमार के पास इलाज के लिए लाया। नीरज ने बताया कि डाक्टर ने काउंटर पर फिस जमा कराने के बाद भी करीब 4 घंटे तक मरीज को झांकने तक नहीं आया।
जब मरीज को परेशानी बढने लगा तो शिकायत करने पर कंपाउंडर ने एक इंजेक्शन लगा दिया। करीब 5 मिनट बाद और परेशानी ज्यादा बढ गई। डाक्टर खुद से एक बार भी झांकने तक नहीं आये। मधुसूदन ने इंजेक्शन लगने के कुछ ही देर बाद दम तोड़ दिया। डाक्टर ने हंगामा होने के डर से मौत की बात परिजनो को नहीं बताकर रेफर कर दिया। परिजनो ने मरीज को लेकर बगल के एक नर्सिंग होम पहुंचे तो वहां डाक्टर के जबाव सुनकर परिजनों के होश ही उड गए। डाक्टर ने मरीज को मृत घोषित कर दिया।
परिजन शव लेकर अरविंद कुमार के क्लिनिक पहुंचते ही डाक्टर और कर्मी भाग गए। उधर डाक्टर ने बचने के लिए 112 नंबर पर पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस क्लिनिक पहुंच कर जब जिस नंबर से फोन किया था उस नंबर पर फोन किया तो स्विच आफ बताने लगा। पुलिस ने परिजनों को समझा बुझाकर शांत किया।
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