102 में डायल करने के 20 मिनट बाद शहरी और 35 मिनट बाद ग्रामीण क्षेत्र में एंबुलेंस सेवा मुहैया कराने के स्वास्थ्य विभाग के लक्ष्य को धरातल पर उतारने के लिए 250 एंबुलेंस की पहली खेप राज्य स्वास्थ्य समिति पहुंच गई हैं। आक्सीजन सिलेंडर और आइसीयू जैसे जीवनरक्षक उपकरणों सुसज्जित इन एंबुलेंस को जल्द ही विभिन्न प्रखंडों में भेजा जाएगा।
बताते चलें कि कोरोना काल में परेशानी को देखने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 1000 नई एंबुलेंस मुहैया कराने की घोषणा की थी। सरकार 534 प्रखंडों को एक-एक एडवांस जीवन रक्षक एंबुलेंस के अलावा अन्य सामान्य एंबुलेंस भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए 466 सामान्य एंबुलेंस की भी खरीद की जा रही है। एक हजार एंबुलेंस की खरीद पर 400 सौ करोड़ से अधिक की राशि खर्च होने का अनुमान है। स्वास्थ्य विभाग जिलों को 132 एंबुलेंस और 10 माच्र्युरी वैन उपलब्ध करा चुका है।
ज्ञात हो कि राज्य में अभी 1137 एंबुलेंस सेवा दे रही हैं। इनमें से कुछ एंबुलेंस छह लाख से अधिक दूरी तक तय कर चुकी हैं और उनकी हालत जर्जर हो चुकी है। सरकार गर्भवती महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, दुर्घटनाग्रस्त लोगों, नवजात बच्चों, कोरोना, एईएस और हृदय रोगियों को मुफ्त एंबुलेंस सेवा देती है।
एंबुलेंस चालक समय पर रोगियों को रेफर किए बड़े सरकारी अस्पताल ही पहुंचाएं इसकी निगरानी के लिए सभी एंबुलेंस में जीपीएस सिस्टम लगा हुआ है। हाल ही में राज्य स्वास्थ्य समिति ने इन एंबुलेंस के संचालन के लिए एक एजेंसी नियुक्त करने के लिए विज्ञापन निकाला था। यह एजेंसी न केवल इन एंबुलेंस का प्रदेश भर में संचालन कराएगी बल्कि जीपीएस सिस्टम से उनकी उपयोगिता पर भी नजर रखेगी।
सारस न्यूज टीम, पटना।
102 में डायल करने के 20 मिनट बाद शहरी और 35 मिनट बाद ग्रामीण क्षेत्र में एंबुलेंस सेवा मुहैया कराने के स्वास्थ्य विभाग के लक्ष्य को धरातल पर उतारने के लिए 250 एंबुलेंस की पहली खेप राज्य स्वास्थ्य समिति पहुंच गई हैं। आक्सीजन सिलेंडर और आइसीयू जैसे जीवनरक्षक उपकरणों सुसज्जित इन एंबुलेंस को जल्द ही विभिन्न प्रखंडों में भेजा जाएगा।
बताते चलें कि कोरोना काल में परेशानी को देखने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 1000 नई एंबुलेंस मुहैया कराने की घोषणा की थी। सरकार 534 प्रखंडों को एक-एक एडवांस जीवन रक्षक एंबुलेंस के अलावा अन्य सामान्य एंबुलेंस भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए 466 सामान्य एंबुलेंस की भी खरीद की जा रही है। एक हजार एंबुलेंस की खरीद पर 400 सौ करोड़ से अधिक की राशि खर्च होने का अनुमान है। स्वास्थ्य विभाग जिलों को 132 एंबुलेंस और 10 माच्र्युरी वैन उपलब्ध करा चुका है।
ज्ञात हो कि राज्य में अभी 1137 एंबुलेंस सेवा दे रही हैं। इनमें से कुछ एंबुलेंस छह लाख से अधिक दूरी तक तय कर चुकी हैं और उनकी हालत जर्जर हो चुकी है। सरकार गर्भवती महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, दुर्घटनाग्रस्त लोगों, नवजात बच्चों, कोरोना, एईएस और हृदय रोगियों को मुफ्त एंबुलेंस सेवा देती है।
एंबुलेंस चालक समय पर रोगियों को रेफर किए बड़े सरकारी अस्पताल ही पहुंचाएं इसकी निगरानी के लिए सभी एंबुलेंस में जीपीएस सिस्टम लगा हुआ है। हाल ही में राज्य स्वास्थ्य समिति ने इन एंबुलेंस के संचालन के लिए एक एजेंसी नियुक्त करने के लिए विज्ञापन निकाला था। यह एजेंसी न केवल इन एंबुलेंस का प्रदेश भर में संचालन कराएगी बल्कि जीपीएस सिस्टम से उनकी उपयोगिता पर भी नजर रखेगी।
Leave a Reply