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प्रशांत किशोर के जन सुराज अभियान से जुड़े 12 पूर्व आईपीएस अधिकारी, जन सुराज को बताया बिहार में व्यवस्था परिवर्तन की नई उम्मीद।

सारस न्यूज, किशनगंज।

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के जन सुराज अभियान को लगातार पूर्व अफसरों का समर्थन मिल रहा है। दिन बा दिन उनके अभियान से जुड़ने वाले अफसरों की संख्या बढ़ती जा रही है। अभी हाल ही में 6 रिटायर्ड आईएएस जन सुराज में शामिल हुए थे। और अब 12 पूर्व आईपीएस जन सुराज अभियान के साथ जुड़ गए। इस तरह जन सुराज अभियान का कारवां लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रशांत किशोर के नेतृत्व में जन सुराज अभियान से समाज के हर वर्ग के लोग जुड़ रहे हैं। रविवार को पटना स्थित जन सुराज कार्यालय में 12 भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत अधिकारी जन सुराज के साथ औपचारिक तौर पर जुड़े। स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी नेता लक्ष्मण देव सिंह ने सभी सेवानिवृत अधिकारियों को शॉल ओढ़ाकर और बुके देकर जन सुराज परिवार में शामिल कराया। मुजफ्फरपुर के रहने वाले लक्ष्मण देव सिंह जन सुराज अभियान में प्रशांत किशोर के साथ शुरुआत से जुड़े हैं। सभी पूर्व अधिकारियों ने पटना स्थित जन सुराज कार्यालय में सदस्यता ग्रहण की। सभी बारह पूर्व आईपीएस राज्य सरकार के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों में सेवारत रह चुके हैं और अब पीके के अभियान से जुड़कर समाज सेवा करना चाहते हैं।
जन सुराज के साथ जुड़े 12 पूर्व आईपीएस पीके के अभियान में शामिल होने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारियों में कुछ डीजी स्तर, आईजी स्तर, डीआईजी स्तर के अधिकारी शामिल हैं जो इस प्रकार हैं:-

1- जितेंद्र मिश्रा (समस्तीपुर ) – सेवानिवृत्त, पुलिस महानिरीक्ष, आईजी, होमगार्ड, 2004 आईपीएस बैच।
2- एस के पासवान (वैशाली) – सेवानिवृत्त महानिदेशक (डीजी) 1979 आईपीएस बैच।
3- के. बी सिंह (सारण) – सेवानिवृत्त पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) संचार. 1983 आईपीएस बैच।
4- उमेश सिंह (बेगूसराय) – सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक (आईजी विजिलेंस, 1984 आईपीएस बैच।
5- अनिल सिंह (सुपौल) – सेवानिवृत्त पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मुजफ्फरपुर, 2002 आईपीएस बैच।
6- शिव कुमार झा (सुपौल) – सेवानिवृत्त, पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) इकोनोमिक्स अफेयर, 2004 आईपीएस बैच।
7- अशोक कुमार सिंह (सीवान) – पुलिस महानिदेशक (डीजी), 1980 बिहार लोक सेवा आयोग बैच, 1999 आईपीएस बैच।
8- राकेश कुमार मिश्रा (सहरसा) – सेवानिवृत्त महानिदेशक (डीजी), 1986 आईपीएस बैच
9- सी पी किरण (पटना) – सेवानिवृत्त आईपीएस।
10- मो. रहमान मोमिन (भोजपुर) – सेवानिवृत्त आईपीएस।
11 – शंकर झा – सेवानिवृत्त आईपीएस।
12- दिलीप मिश्रा- सेवानिवृत्त आईपीएस।
बताते चलें कि इन दिनों प्रशांत किशोर जन सुराज पदयात्रा पर हैं। और अब तक सात जिलों, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली के तमाम गांवों में लगभग 3000 किलोमीटर की दूरी तय कर चुके हैं और अभी 30 और जिलों में पदयात्रा होगी।
वहीं जन सुराज अभियान में पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों के शामिल होने के मौके पर स्वतंत्रता व जेपी सेनानी लक्षण देव सिंह ने बताया कि महात्मा गांधी ने कहा था कि देश में आजादी का असली मकसद तब पूरा होगा जब भारत के 7 लाख गांव का ग्राम गणतंत्र बनेगा और सारे सूत्र संचालन आम लोगों के हाथ में आएंगे। महात्मा गांधी का सपना था कि हमें ऐसी शासन व्यवस्था बनानी है जहां गांव मजबूत हो और सरकार उससे कमजोर होगी।
जन सुराज में शामिल होने वाले पूर्व पुलिस अधिकारियों ने जुड़ने के बाद मीडिया से बातचीत की। अशोक कुमार सिंह ने कहा कि संविधान ने सरकारों को जो काम दिया है आज सरकार उन मूलभूत काम को भी नहीं कर पा रही है। जन सुराज अभियान के माध्यम से प्रशांत किशोर बिहार के लोगों को सरकार के मूलभूत कामों के बारे में बता रहे हैं। पूर्व पुलिस महानिरीक्षक जितेंद्र मिश्रा ने कहा कि पुलिस सेवा के दौरान से समाज में गरीब और शिक्षा से वंचित लोगों को पढ़ाया है। जिन जिन जिलों जिलों में सेवा देने का मौका मिल वहां मैंने बच्चों को पढ़ाया है। समाज सेवा मेरा निजी स्वभाव है। पूर्व पुलिस उप महानिरीक्षक के. बी. सिंह ने कहा कि बिहार की स्थिति अभी तक किसी से छिपी नहीं है। जो राजनीति में आता है वो अपने घर को भरने में लग जाता है। लेकिन जन सुराज अभियान नई व्यवस्था को स्थापित करने का नाम है बाकी अन्य पुलिस अधिकारियों ने भी इन सभी की बातों में सहमति दर्ज की और जन सुराज अभियान और प्रशांत के साथ जुड़कर खुशी जाहिर की।
सेवानिवृत आईपीएस अधिकारी अनिल कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आज कल लोग नेतागिरी के नाम पर स्टंट कर रहे हैं। आज राजनीति का मतलब करप्शन हो गया है। मेरा सपना बचपन से था कि राजनीति में ऐसे ईमानदार लोग आते जो देश के लिए ईमानदारी से अपने काम का निर्वाह करते। आज कुछ लोग राजनीति परिवारवाद या दल बनाकर कर रहे हैं। जनता के लिए जो सुराज लाने की बात थी, वो आज तक जमीन पर नहीं दिखा जो देखना मेरा सपना था। जन सुराज के माध्यम से हम उसी सपने को साकार करने के लिए प्रशांत किशोर के साथ जुड़े हैं।
जन सुराज से जुड़ने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व डीजीपी संत कुमार पासवान ने बताया कि जन सुराज से जुड़ कर मैं काम कर रहा हूं वो मेरे लिए सपनों के जैसा है। यह ऐसा सपना है जिसे मैं जग कर देख रहा हूं। संत कुमार पासवान ने बताया कि मैं जिस समाज से आता हूं वहां इंजीनियरिंग करना सपनों के जैसा था। मैंने मेहनत कर अपनी इंजीनियरिंग की। इसके बाद पुलिस सेवा के लिए चयनित हुआ। मैं जन सुराज से जुड़कर प्रशांत किशोर के देखे गए सपनों को पूरा करना चाहता हूं और उनके साथ हूं।
जन सुराज से जुड़ने के बाद राकेश मिश्रा ने कहा कि मीडिया के मन में एक सवाल उठ रहा होगा कि सेवानिवृत पुलिस अधिकारियों को जोड़कर जन सुराज क्या साबित करना चाहता है? मैं आपको याद दिला देता हूं कि जब भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत हुई थी तो उसमें जुड़ने वाले आम लोगों के साथ प्रबुद्ध लोग‌‌ भी थे। उनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के लोग भी थे। आज आजादी के बाद पुनः प्रबुद्ध लोगों को जोड़कर इनके अनुभवों का लाभ उठाकर व्यवस्था परिवर्तन का प्रयास करना है। गांधी जी के सपनों के भारत को बनाने के लिए जन सुराज संकल्पित है, और इन अधिकारियों के साथ मिलकर बिहार में व्यवस्था परिवर्तन का काम किया जाएगा।

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