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बंगाल की खाड़ी में बन रहा कम दबाव का क्षेत्र, जिले में जुलाई में औसतन 481 मिमी होती थी वर्षा; एक पखवाड़े में सिर्फ 34 एमएम बारिश।

सारस न्यूज टीम, किशनगंज।

मानसून के रूठ जाने का खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है। आधा जुलाई बीत गया है। धान की रोपनी करने का प्रमुख समय अब सिर्फ एक सप्ताह बचा है, लेकिन खेत सूखे हैं। बिहार में सर्वाधिक बारिश वाले किशनगंज जिले में जुलाई माह में औसतन 481 मिमी बारिश होती है। लेकिन एक पखवाड़े में अब तक महज 34 एमएम ही बारिश हुई है। यह सामान्य से 84 प्रतिशत कम है। मौसम विभाग ने अगले 19 जुलाई से मौसम में बदलाव होने का पूर्वानुमान लगाया है।

कहा है कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। जिस कारण 19 जुलाई के बाद से मध्यम से अच्छी बारिश होगी। विभाग ने किसान बंधुओं से भी इसी अनुसार धान की रोपनी की तैयारी करने की अपील की है। फिलहाल सक्षम किसान पंपसेट के माध्यम से खेत तैयार कर धान की रोपनी करने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन ऐसे किसानों की संख्या आंशिक ही है। जिले में बड़े पैमाने पर धान की खेती होती है। चूंकि चावल ही यहां के लोगों का मुख्य आहार है इसलिए किसानों की चिंता और अधिक है।

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