सारस न्यूज, वेब डेस्क।
सरकारी स्कूलों में अब क्लास लेने से पहले हर दिन शिक्षक बच्चों को पढ़ाने वाले चैप्टर की अध्ययन सामग्री तैयार करेंगे। इसे तैयार करके पहले वो प्रधानाध्यापक को देंगे। इसके बाद ही शिक्षक बच्चों को पढ़ाएंगे। यह अध्ययन सामग्री कक्षा तीन से 12वीं तक के शिक्षक बनाएंगे। ऐसा नहीं करने वाले शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर सरकार ने निर्देश जारी कर दिया है।
कक्षा तीन से पांच, छह से आठ और नौवीं से 12वीं तक के लिए अलग-अलग अध्ययन सामग्री
सरकार के स्तर से निर्देश जारी होने के बाद भागलपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इसको लेकर जारी पत्र में कहा है कि कक्षा तीन से पांच के छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को दो पेज का, छह से आठवीं कक्षा के बच्चों को पढ़ाने के लिए चार पेज का और नौवीं से 12वीं तक की कक्षा के बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक छह पेज का अध्ययन सामग्री प्रश्नोत्तरी तैयार करेंगे। पढ़ाने वाले दिन (कक्षा के दिन) यह अध्ययन सामग्री शिक्षक प्रधानाध्यापक को उपलब्ध करा देंगे। डीईओ संजय कुमार ने बताया कि जो शिक्षक अध्ययन सामग्री उपलब्ध नहीं कराएंगे माना जाएगा कि वे कक्षाएं नहीं लेते हैं। इसको लेकर उन पर कार्रवाई की जाएगी।
स्कूल निरीक्षण के क्रम में होगी जांच
डीईओ ने कहा कि विद्यालय निरीक्षण के क्रम में यह आवश्यक रूप से देखा जाएगा कि सभी प्रधानाध्यापक ने यह अध्ययन सामग्री शिक्षकों से जमा ली है या नहीं। इसमें प्रधानाध्यापक यह नहीं कह पाएंगे कि शिक्षक ने अध्ययन सामग्री जमा नहीं की थी या अपने साथ लेकर चले गए थे। प्रत्येक विद्यालय के प्रधानाध्यापक तथा शिक्षक कक्षा एक से पांचवीं एवं कक्षा एक से आठवीं तक के लिए हर सप्ताह तीन दिन के हिसाब से 18 पृष्ठ की अध्ययन सामग्री तैयार कर अपने साथ स्कूल लाएंगे।
50 फीसदी से कम उपस्थिति पर होगी कार्रवाई
डीईओ ने कहा है कि सकूलों में बच्चों की उपस्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। सभी को कहा गया है कि बच्चों की उपस्थिति कम से कम 50 फीसदी बनाये रखें। लेकिन कई जगहों पर यह कम हो रही है। प्रधानाध्यापक और शिक्षक दोनों मिलकर बच्चों की उपस्थिति को बढ़ाने का कार्य करेंगे। यह भी कहा गया है कि जो छात्र-छात्राएं नहीं आते हैं तो उसके बारे में पता किया जाये। हो सकता है कि उन बच्चों ने सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निजी विद्यालय में भी एडमिशन लिया हो। ऐसे छात्रों का सरकारी स्कूलों से नाम काट दिया जाये। डीईओ ने कहा कि बच्चों की उपस्थिति 50 फीसदी से कम होगी तो उस वर्ग शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि देखा गया है कि परीक्षा के कारण छात्रों की संख्या बढ़ रही है। इसलिए अब साप्ताहिक और मासिक परीक्षा होगी। इसमें सभी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति अनिवार्य होगी। रिजल्ट तैयार कर छात्रों को दिया जाएगा। इस बाबत जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक मिलकर अध्ययन सामग्री पर काम करें। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति भी बढ़ाएं। ऐसा नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।