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बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को देखते हुए बिहार सरकार चला रही है कई योजनाएं, जानें कैसे उठा सकते इन योजनाओ का लाभ।

सारस न्यूज टीम, बिहार।

बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को देखते हुए बिहार सरकार कई योजनाएं चला रही है। इसी क्रम में बिहार सरकार वन एवं हरित आच्छादन को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर कर रही है। इसमें ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित मनरेगा की महत्वपूर्ण भूमिका है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण विकास विभाग ने दो करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है।

जिसमें 1 करोड़ 50 लाख काष्ठ पौधे और 50 लाख फलदार पौधे शामिल हैं। इस योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों के किनारे वृक्षारोपण, जल सरंक्षण/संचयन संरचनाओं के किनारे वृक्षारोपण और निजी भूमि पर वृक्षारोपण पर फोकस किया जा रहा है।

दरअसल बिहार सरकार आम लोगों को रोजगार मुहैया करने और हरित आवरण बढ़ाने के लिए एक योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत लोग अपनी निजी जमीन पर काष्ठ और फलदार दोनों किस्म का पौधा लगा सकते हैं। निजी भूमि पर लगाए गए पौधे से प्राप्त लकड़ी और फल पर जमीन मालिक का हक होगा।

कैसे उठा सकते हैं योजना का लाभ

इस योजना का लाभ उठाने के लिए आप अपने मुखिया या वार्ड सदस्य से संपर्क करें। मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड के बेरुडीह पंचायत में इस योजना पर लगातार काम किया जा रहा है। अगर कोई इस योजना का आप लाभ लेना चाहता है तो स्थानीय मुखिया या वार्ड सदस्य से संपर्क कर सकता है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए आपके पास 200 पौधों के लिए भूमि उपलब्ध होना चाहिए।

अगर आपके पास इतनी जमीन नहीं है तो दो-तीन परिवारों को एक इकाई यानी 200 पौधे लगाए जाने का प्रावधान मनरेगा योजना में किया गया है। ताकि छोटे किसान भी इस योजना का लाभ उठा सके। हालांकि इस योजना का लाभ सरकारी नौकरी करने वाले लोगों को नहीं मिलेगा।

पांच साल तक मिलेगा पैसा
निजी जमीन पर लगाए गए पौधे की सुरक्षा के लिए गेबियन के साथ सिंचाई के लिए चापाकल या ट्राली से पटवन की सुविधा भी प्रदान की जाती है। निजी भूमि के मामले में यदि दो इकाई के क्लस्टर 200 मीटर की दूरी के अंदर उपलब्ध हो तो उन दो इकाइयों के लिए एक चापाकल का प्रावधान किया जा सकता है।

वहीं अगर निजी भूमि पर क्लस्टर की अनुपलब्धता की स्थिति में एक इकाई पर भी एक चापाकल का प्रावधान है। यही नहीं निजी भूमि पर लगाए गए पौधे की देख रेख के लिए वृक्षारोपण वर्ष से अगले पांच वर्ष तक प्रतिमाह 8 दिन की मजदूरी मनरेगा योजना से दिया जाएगा।

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