सारस न्यूज, किशनगंज।
पटना के बिहटा स्थित राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) वाहिनी मुख्यालय में 25 एकड़ में लगभग 267 करोड़ की लागत से बनने वाले भवन का विधिवत शिलान्यास किया। साथ ही किशनगंज समेत बिहार के 17 जिलों में प्रथम चरण में जिला आपात अनुक्रिया सुविधा सह प्रशिक्षण केंद्र का भी शिलान्यास किया।
इस मौके पर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, आपदा प्रबंधन विभाग मंत्री शाहनवाज आलम के साथ आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी समेत बिहार सरकार के कई अधिकारी मौजूद थे। एसडीआरएफ मुख्यालय परिसर में बन रहे स्विमिंग पूल, अधिकारियों और जवानों के रहने के लिए आवास के साथ के साथ बैरक का भी मुख्यमंत्री ने शिलान्यास किया।
इस बाबत आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज आलम ने कहा कि बाढ़ से पूर्व सभी जिला पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और आपदा विभाग की बैठक कर ली गई है। इसमें आपदा से निपटने के लिए सभी तरह की तैयारियों का जायजा लिया गया। जरूरत की चीजों के लिए टेंडर निकाला गया है। राशन, मेडिकल किट, दवाइयां और पशु आहार इन सभी चीजों की तैयारी हो रही है। बिहार सरकार ने बाढ़ और सूखा की समस्या से निपटने के लिए पूर्ण रूप से तैयारी कर ली है।
मंत्री ने बताया कि आपदा के समय क्विक एक्शन लेने के लिए हर जिले में एसडीआरएफ के लिए एक भवन बनाया जा रहा है ताकि भवन में जवान पहले से तैयार रहेंगे। पहले फेज में 17 जिलों में इस योजना पर कार्य शुरू किया गया है। वहीं समय के साथ-साथ कई नई तकनीक भी अब आपदा विभाग प्रयोग कर रहा है। ड्रोन हो या कोई अन्य नई तकनीक जो आपदा के समय में काम आ सके उस पर विभाग अध्ययन कर रहा है।
आपदा प्रबंधन के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि बिहटा स्थित एसडीआरएफ मुख्यालय की 25 एकड़ भूमि पर एडमिनिस्ट्रेशन भवन, आडिटोरियम, त्वरित आपदा टीम भवन, राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण के लिए स्विमिंग पुल, स्वान गृह, क्वाटर मास्टर स्टोर, वर्कशाप, डिप ड्राइविंग कुआं, अधिकारियों एवं जवानों के लिए कार्यालय एवं फैमिली आवास, बैरक, हास्टल, प्लेयग्राउंड और डिस्पेंसरी आदि का निर्माण किया जाना है। वही जिला आपदा रिस्पॉस फैसिलिटी-सह-प्रशिक्षण केंद्र बेतिया, भागलपुर, दरभंगा, गया, पटना सिटी,सहरसा कुल छह जिलों में प्रथम श्रेणी वाले भवन एवं अररिया, छपरा, गोपालगंज, खगड़िया, किशनगंज, मोतिहारी, मुंगेर,नालंदा, बक्सर, मधुबनी, समस्तीपुर समेत 11 जिलों में द्वितीय श्रेणी का भवन का निर्माण किया जा रहा है।