सारस न्यूज टीम, बिहार।
बिहार के लोगों को अपने घर के नजदीक ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना सरकार का लक्ष्य है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग वर्ष 2022-23 में स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। स्वास्थ्य केंद्र, जिनकी संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव है उनमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उप केंद्र और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। नए स्वास्थ्य केंद्र खोले जाने पर स्वास्थ्य कर्मियों और डाक्टरों के नए पद सृजित करने की भी जरूरत पड़ेगी। इससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
प्रति लाख की आबादी पर बढ़ेंगे तीन स्वास्थ्य केंद्र
प्रदेश में 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार एक लाख की आबादी पर स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या 12 है। इसे बढ़ाकर 15 तक करने की योजना बनाई जा रही है। प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण पर इमरजेंसी कोविड रिस्पांस फंड की राशि के साथ स्वास्थ्य विभाग के लिए स्वीकृत 2022-23 के फंड से राशि का उपबंध किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार नए स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण पहले उन जिलों में किया जाएगा, जहां ऐसे केंद्रों की संख्या कम है। ऐसे जिलों में सीतामढ़ी, दरभंगा और पटना जिले हैं। वहीं दूसरी ओर आबादी के अनुपात में बेहतर स्वास्थ्य केंद्र वाले जिले जमुई, शिवहर और शेखपुरा हैं। विभाग के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या को 533 से बढ़ाकर 550, स्वास्थ्य उप केंद्रों की संख्या 10258 से बढ़ाकर 10270 और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या 1399 से बढ़ाकर 1405 करने की योजना है।
बता दें कि बीते नौ वर्ष से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या जस की तस है। 2013 में प्रदेश में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 533 थे। 2022 में भी इनकी संख्या 533 ही है। हालांकि उपकेंद्रों की संख्या 2013 के मुकाबले 9696 से बढ़कर 2022 में 10258 और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या 1330 से बढ़कर 1399 हो गई है।