राज्य के वरिष्ठ नागरिकों व स्कूली बच्चों को अब मुफ्त में चश्मा मिलेगा। स्वास्थ्य विभाग में लोगों को मुफ्त चश्मा देने के लिए, इसकी खरीदारी की योजना पर काम शुरू किया जा रहा है। बीते चार मई को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में तय किया कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में आंखों की जांच कराने वाले वरीय नागरिक व स्कूली बच्चों को मुफ्त में चश्मा दिया जाए। विभाग ने इसके लिए अलग से बजट का प्रावधान कर दिया है। योजना की शुरुआत एक लाख चश्मे की खरीद से होगी। चश्मे की खरीद का जिम्मा राज्य स्वास्थ्य समिति को दिया गया है। सिविल सर्जनों के सहयोग से खरीदे जाने वाले चश्मे को लाभुकों में मुफ्त वितरित किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार बिहार मेडिकल सर्विसेज इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएमएसआईसीएल) की ओर से चश्मे की आपूर्ति नहीं की जाएगी। चश्मे की खरीद जिलों को ही करनी होगी। जिलावार बनी क्रय समिति के माध्यम से ही चश्मा खरीदे जाएंगे। योजना के तहत वरीय नागरिक व स्कूली बच्चों के आंखों की जांच के लिए हर जिले में विजन सेंटर को सुदृढ़ किया जाएगा। इससे हर जिले के अस्पताल में आने वाले वरीय नागरिक व स्कूली बच्चों की दृष्टि की जांच की जाएगी। जांच के बाद दृष्टिदोष वरीय नागरिक व स्कूली बच्चों को मुफ्त चश्मा दिया जाएगा। स्क्रीनिंग में जिन बच्चों की आंखें कमजोर पाई जाएंगी, उनकी पहचान कर उनको उचित पावर का चश्मा उपलब्ध कराया जाएगा। विभाग ने बिहार नेत्र ज्योति अभियान चलाया जिसमें एक लाख नागरिकों के आंखों का ऑपरेशन का लक्ष्य तय किया गया। लेकिन सरकारी व गैर सरकारी संगठनों की मदद से 1 लाख 21 हजार 747 लोगों की आंखों का ऑपरेशन हुआ। नालंदा मेडिकल कॉलेज, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भागलपुर, राजेन्द्र नगर अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल पटना, गुरु गोविन्द सिंह अस्पताल पटना, जिला अस्पताल भागलपुर व समस्तीपुर ने इस अभियान में बेहतर कार्य किया।
हर जिले में ऑपरेशन होगा सुनिश्चित विभाग ने हर जिले में आंखों का ऑपरेशन सुनिश्चित करने को कहा है। जहां आई सर्जन कार्यरत हैं परंतु नेत्र से संबंधित ऑपरेशन नहीं हो रहा है, उन जिलों को कहा गया है कि वे अविलंब ऑपरेशन शुरू करें। दरअसल, समीक्षा के दौरान पाया गया कि भोजपुर व रोहतास में आई सर्जन उपलब्ध हैं लेकिन उनके द्वारा ऑपरेशन नहीं किया जा रहा है। इस पर विभाग की ओर से खेद प्रकट किया गया। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने सभी सिविल सर्जनो को निर्देश दिया है कि उक्त आई सर्जन के विरुद्ध प्रपत्र क गठित करते हुए, स्वास्थ्य विभाग को भेजा जाए ताकि उन चिकित्सकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा सके।
सारस न्यूज, किशनगंज।
राज्य के वरिष्ठ नागरिकों व स्कूली बच्चों को अब मुफ्त में चश्मा मिलेगा। स्वास्थ्य विभाग में लोगों को मुफ्त चश्मा देने के लिए, इसकी खरीदारी की योजना पर काम शुरू किया जा रहा है। बीते चार मई को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में तय किया कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में आंखों की जांच कराने वाले वरीय नागरिक व स्कूली बच्चों को मुफ्त में चश्मा दिया जाए। विभाग ने इसके लिए अलग से बजट का प्रावधान कर दिया है। योजना की शुरुआत एक लाख चश्मे की खरीद से होगी। चश्मे की खरीद का जिम्मा राज्य स्वास्थ्य समिति को दिया गया है। सिविल सर्जनों के सहयोग से खरीदे जाने वाले चश्मे को लाभुकों में मुफ्त वितरित किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार बिहार मेडिकल सर्विसेज इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएमएसआईसीएल) की ओर से चश्मे की आपूर्ति नहीं की जाएगी। चश्मे की खरीद जिलों को ही करनी होगी। जिलावार बनी क्रय समिति के माध्यम से ही चश्मा खरीदे जाएंगे। योजना के तहत वरीय नागरिक व स्कूली बच्चों के आंखों की जांच के लिए हर जिले में विजन सेंटर को सुदृढ़ किया जाएगा। इससे हर जिले के अस्पताल में आने वाले वरीय नागरिक व स्कूली बच्चों की दृष्टि की जांच की जाएगी। जांच के बाद दृष्टिदोष वरीय नागरिक व स्कूली बच्चों को मुफ्त चश्मा दिया जाएगा। स्क्रीनिंग में जिन बच्चों की आंखें कमजोर पाई जाएंगी, उनकी पहचान कर उनको उचित पावर का चश्मा उपलब्ध कराया जाएगा। विभाग ने बिहार नेत्र ज्योति अभियान चलाया जिसमें एक लाख नागरिकों के आंखों का ऑपरेशन का लक्ष्य तय किया गया। लेकिन सरकारी व गैर सरकारी संगठनों की मदद से 1 लाख 21 हजार 747 लोगों की आंखों का ऑपरेशन हुआ। नालंदा मेडिकल कॉलेज, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भागलपुर, राजेन्द्र नगर अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल पटना, गुरु गोविन्द सिंह अस्पताल पटना, जिला अस्पताल भागलपुर व समस्तीपुर ने इस अभियान में बेहतर कार्य किया।
हर जिले में ऑपरेशन होगा सुनिश्चित विभाग ने हर जिले में आंखों का ऑपरेशन सुनिश्चित करने को कहा है। जहां आई सर्जन कार्यरत हैं परंतु नेत्र से संबंधित ऑपरेशन नहीं हो रहा है, उन जिलों को कहा गया है कि वे अविलंब ऑपरेशन शुरू करें। दरअसल, समीक्षा के दौरान पाया गया कि भोजपुर व रोहतास में आई सर्जन उपलब्ध हैं लेकिन उनके द्वारा ऑपरेशन नहीं किया जा रहा है। इस पर विभाग की ओर से खेद प्रकट किया गया। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने सभी सिविल सर्जनो को निर्देश दिया है कि उक्त आई सर्जन के विरुद्ध प्रपत्र क गठित करते हुए, स्वास्थ्य विभाग को भेजा जाए ताकि उन चिकित्सकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा सके।
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