सारस न्यूज टीम, सीवान/बिहार।
बिहार के जिले सीवान में बाढ़ से तबाही जारी है। नदियां उफनाई हुई हैं। जिसके चलते तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। बाढ़ ने जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। लोगों के रहने व खाने का समुचित व्यवस्था नहीं है। बाढ़ के चलते ऊंचे स्थानों पर शरणर्म लेने को विवश हो गए हैं। सीवान जिले के 5 प्रखंडों में सरयू, छोटी गंडक और झरही नदी के बढ़ते जलस्तर ने तबाही फैलाई हुई है। नदी के तबाही फैलाए जाने की वजह से हजारों एकड़ में लगी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। बाढ़ की वजह से किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ी है।
लोगों के घरों और गांव में पानी प्रवेश करने के साथ ही खेत में लगे धान, सब्जी और मकई की फसलें बाढ़ में डूब कर बर्बाद हो गई हैं। ऐसी स्थिति पिछले एक सप्ताह से बनी हुई है। गांव में पानी प्रवेश करने से लोगों के सामने रहने, खाने, सोने और शौच करने तक की समस्या आन पड़ी है। विकट परिस्थिति उत्पन्न होने के बावजूद स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की तरफ से कोई भी सहायता नहीं मिली है। जिससे लोग काफी आहत है।
5 प्रखंड के 25 गांव बाढ़ से प्रभावित।
सीवान जिले 5 प्रखंड में नदियों ने तबाही मचाई हुई है। जिनमें सिसवन, रघुनाथपुर, आंदर, दरौली और गुठनी हैं। इन प्रखंडों के लगभग 25 से अधिक गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। खेतों में लगे हजारों एकड़ की फसलें बर्बाद हो गई है। बाढ़ की वजह से लगभग 60 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। सबसे अधिक बाढ़ से प्रभावित प्रखंड दरौली, सिसवन और गुठनी रहा है। सिसवन में 8 दरौली में 12 और गुठनी में 6 से अधिक गांव में सरयू नदी छोटी गंगा और झरही नदी ने तबाही मचाई हुई है। इस स्थिति से लोग अपने बल पर जूझ रहे हैं। सरकारी स्तर पर इनके पास अब तक कोई मदद नहीं पहुंचाई गई है।