ऐसा सरकारी स्कूल जहां शिक्षिका की पढ़ाई की तरीका देखकर आपका सरकारी स्कूलों के प्रति जो नजरिया है। वह बदल जाएगा। उत्क्रमित हाई स्कूल शेखपुरा जिले के अरियरी प्रखंड अंतर्गत बेलछी गांव में एक शिक्षिका कविता के माध्यम से ही मैथमेटिक्स, हिंदी और साइंस विषय को पढ़ा रही हैं। शिक्षिका का पढ़ाने का जो तरीका है वह काफी सरल है जिससे बच्चे आसानी से समझ जाते हैं। बताया जाता है कि शिक्षिका में पढ़ाने का जूनून है जिसका परिणाम है कि शत प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति रहती है।
शिक्षिका कविता कुमारी ने सारस न्यूज से बात करते हुए कहा कि शिक्षकों में बच्चों की पढ़ाई को लेकर सकारात्मक सोच होनी चाहिए। विषय की पूर्ण जानकारी और पढ़ाने के तरीके में बदलाव से ही शिक्षा व्यवस्था में बदलाव ला सकते हैं। बता दें कि महिला शिक्षकिका व्याकरण हो या हिंदी की वर्णमाला या फिर गणित सभी विषय के हर अध्याय को कविता और गीत के माध्यम से पढ़ाती हैं।
छात्राओं ने भी कहा कि मैडम द्वारा पढ़ाई जाने वाली सभी विषयों को वे अच्छे से समझ पाती हैं। गीत और कविता के माध्यम से पढ़ती हैं जिससे आसानी से समझ में भी आता है और मनोरंजन भी हो जाता है। जाहिर है ऐसे में सरकारी स्कूलों के बारे में लोगों की अवधारणा बदल रही है। बहरहाल सरकारी स्कूलों के संबंध में मीडिया के साथ साथ आम लोगों की जो सोच है वह शेखपुरा के इस स्कूल की शिक्षिका ने बदलने की सकारात्मक कोशिश की है। जरूरत है इस तरह कि ऐसी सोच सभी शिक्षक और शिक्षिका में आ जाए तो बिहार की शिक्षा व्यवस्था केरल, तमिलनाडु से बेहतर हो सकती है।
सारस न्यूज टीम, शेखपुरा।
ऐसा सरकारी स्कूल जहां शिक्षिका की पढ़ाई की तरीका देखकर आपका सरकारी स्कूलों के प्रति जो नजरिया है। वह बदल जाएगा। उत्क्रमित हाई स्कूल शेखपुरा जिले के अरियरी प्रखंड अंतर्गत बेलछी गांव में एक शिक्षिका कविता के माध्यम से ही मैथमेटिक्स, हिंदी और साइंस विषय को पढ़ा रही हैं। शिक्षिका का पढ़ाने का जो तरीका है वह काफी सरल है जिससे बच्चे आसानी से समझ जाते हैं। बताया जाता है कि शिक्षिका में पढ़ाने का जूनून है जिसका परिणाम है कि शत प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति रहती है।
शिक्षिका कविता कुमारी ने सारस न्यूज से बात करते हुए कहा कि शिक्षकों में बच्चों की पढ़ाई को लेकर सकारात्मक सोच होनी चाहिए। विषय की पूर्ण जानकारी और पढ़ाने के तरीके में बदलाव से ही शिक्षा व्यवस्था में बदलाव ला सकते हैं। बता दें कि महिला शिक्षकिका व्याकरण हो या हिंदी की वर्णमाला या फिर गणित सभी विषय के हर अध्याय को कविता और गीत के माध्यम से पढ़ाती हैं।
छात्राओं ने भी कहा कि मैडम द्वारा पढ़ाई जाने वाली सभी विषयों को वे अच्छे से समझ पाती हैं। गीत और कविता के माध्यम से पढ़ती हैं जिससे आसानी से समझ में भी आता है और मनोरंजन भी हो जाता है। जाहिर है ऐसे में सरकारी स्कूलों के बारे में लोगों की अवधारणा बदल रही है। बहरहाल सरकारी स्कूलों के संबंध में मीडिया के साथ साथ आम लोगों की जो सोच है वह शेखपुरा के इस स्कूल की शिक्षिका ने बदलने की सकारात्मक कोशिश की है। जरूरत है इस तरह कि ऐसी सोच सभी शिक्षक और शिक्षिका में आ जाए तो बिहार की शिक्षा व्यवस्था केरल, तमिलनाडु से बेहतर हो सकती है।
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