सारस न्यूज टीम, पटना।
राज्य के 31 हजार 297 मध्य विद्यालयों में छठी से आठवीं तक के छात्र-छात्राओं को रोजगारपरक कौशल एवं तकनीकी शिक्षा दी जाएगी। केंद्र सरकार ने इस संबंध में राज्य स्तर पर तैयारी करने का निर्देश शिक्षा विभाग को दिया है। अगले सत्र से ऐसे पाठ्यक्रम लागू होंगे, जो तीन से छह माह के होंगे। इसमें पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को इंटर्नशिप भी कराई जाएगी। यह प्रशिक्षण निशुल्क दिया जाएगा। शिक्षा विभाग का कहना है कि तकनीकी शिक्षा की नियामक एजेंसी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) द्वारा तीन से छह माह के प्रशिक्षण से जुड़े जो कोर्स डिजाइन किए गए हैं, उनमें आइटी सेक्टर की मांग को ध्यान में रखा गया है।
केंद्र सरकार ने छात्र-छात्राओं को रोजगारपरक कौशल एवं तकनीकी शिक्षा संबंधी निशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था करने का भी भरोसा दिया है। बिहार को स्कूल स्तर से डाटा साइंस और आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस समेत व्यवसायिक शिक्षा से जुड़े पाठ्यक्रम संबंधी अध्ययन सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी। शिक्षा विभाग के एक उच्चपदस्थ अधिकारी ने बताया कि ऐसी सभी तकनीक में छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिसकी आइटी सेक्टर और अन्य क्षेत्रों में ज्यादा मांग है।
मध्य विद्यालयों के बच्चों को अगली कक्षाओं में भी तकनीकी शिक्षा दी जाएगी। इसी के मद्देनजर सभी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में इंटरनेट और डिजिटल लाइब्रेरी आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। छात्र-छात्राओं को उनकी रुचि के मुताबिक किसी भी क्षेत्र का चुनाव कर सकेंगे। इसी तरह सभी मिडिल स्कूलों में कंप्यूटर लैब की स्थापना और वाई-फाई की सुविधा दी जाएगी।
