बिहार में ड्रोन के इस्तेमाल पर पुलिस प्रशासन की नजर रहेगी। बिहार के सभी जिलों में ड्रोन उड़ाने के लिए जोन तय किए जाएंगे। ड्रोन के बढ़ते इस्तेमाल और भविष्य में इसके सेवा विस्तार को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने इस बाबत तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत राज्य में ड्रोन के लिए फ्लाइंग जोन तय करने पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
पुलिस मुख्यालय की स्पेशल ब्रांच ने सभी जिलों के एसएसपी व एसपी को अपने-अपने जिले में जोन चिह्नित करने को कहा है। इन जोन को रंगों के नाम पर तीन श्रेणी रेड, येलो और ग्रीन जोन में बांटा जाएगा। जोन चिह्नित करने के बाद इसकी मैपिंग भी कराई जाएगी ताकि जोन के हिसाब से आनलाइन नक्शा तैयार कराया जा सके।
पुलिस के वरीय अधिकारियों के अनुसार हाल के वर्षों में बिहार समेत देश भर में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा है। भविष्य में दवा, फूड डिलीवरी समेत कई तरह के कामों में भी ड्रोन का इस्तेमाल होने की संभावना है। ऐसे में अभी से तैयारी शुरू की जा रही है ताकि भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी न हो। एयरपोर्ट, देश की सीमा और संवेदनशील इलाकों को रेड जोन में रखा जाएगा। यहां ड्रोन उड़ान की अनुमति नहीं होगी।
पुलिस के वरीय अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार येलो जोन में ऐसे इलाके आएंगे जहां ड्रोन उड़ाने के लिए हवाई यातायात नियंत्रण प्राधिकरण से अनुमति की आवश्यकता होगी। इसमें एयरपोर्ट से कुछ किलोमीटर के दायरे में आने वाला क्षेत्र होगा। इसके अलावा ग्रीन जोन ड्रोन के लिए सबसे सुरक्षित क्षेत्र होगा। यहां ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। यहां बस यह ख्याल रखना होगा कि ड्रोन की ऊंचाई एक निश्चित सीमा तक ही हो।
बताते चलें कि खेती-किसानी, सर्वेक्षण, मौसम विज्ञान, आपदा प्रबंधन जैसे काम में ड्रोन का खूब इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा फोटोग्राफी के लिए भी ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल बढ़ा है। इसके अलावा राज्य में अवैध शराब की निगरानी के लिए भी ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल हो रहा है। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग करीब डेढ़ दर्जन ड्रोन की मदद से अवैध शराब के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई चल रही है। ड्रोन की मदद से अभी तक करीब 20 हजार छापेमारी की जा चुकी है, जिसमें तीन लाख लीटर से अधिक शराब बरामद कर नष्ट की गई है।
सारस न्यूज टीम, पटना।
बिहार में ड्रोन के इस्तेमाल पर पुलिस प्रशासन की नजर रहेगी। बिहार के सभी जिलों में ड्रोन उड़ाने के लिए जोन तय किए जाएंगे। ड्रोन के बढ़ते इस्तेमाल और भविष्य में इसके सेवा विस्तार को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने इस बाबत तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत राज्य में ड्रोन के लिए फ्लाइंग जोन तय करने पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
पुलिस मुख्यालय की स्पेशल ब्रांच ने सभी जिलों के एसएसपी व एसपी को अपने-अपने जिले में जोन चिह्नित करने को कहा है। इन जोन को रंगों के नाम पर तीन श्रेणी रेड, येलो और ग्रीन जोन में बांटा जाएगा। जोन चिह्नित करने के बाद इसकी मैपिंग भी कराई जाएगी ताकि जोन के हिसाब से आनलाइन नक्शा तैयार कराया जा सके।
पुलिस के वरीय अधिकारियों के अनुसार हाल के वर्षों में बिहार समेत देश भर में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा है। भविष्य में दवा, फूड डिलीवरी समेत कई तरह के कामों में भी ड्रोन का इस्तेमाल होने की संभावना है। ऐसे में अभी से तैयारी शुरू की जा रही है ताकि भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी न हो। एयरपोर्ट, देश की सीमा और संवेदनशील इलाकों को रेड जोन में रखा जाएगा। यहां ड्रोन उड़ान की अनुमति नहीं होगी।
पुलिस के वरीय अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार येलो जोन में ऐसे इलाके आएंगे जहां ड्रोन उड़ाने के लिए हवाई यातायात नियंत्रण प्राधिकरण से अनुमति की आवश्यकता होगी। इसमें एयरपोर्ट से कुछ किलोमीटर के दायरे में आने वाला क्षेत्र होगा। इसके अलावा ग्रीन जोन ड्रोन के लिए सबसे सुरक्षित क्षेत्र होगा। यहां ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। यहां बस यह ख्याल रखना होगा कि ड्रोन की ऊंचाई एक निश्चित सीमा तक ही हो।
बताते चलें कि खेती-किसानी, सर्वेक्षण, मौसम विज्ञान, आपदा प्रबंधन जैसे काम में ड्रोन का खूब इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा फोटोग्राफी के लिए भी ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल बढ़ा है। इसके अलावा राज्य में अवैध शराब की निगरानी के लिए भी ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल हो रहा है। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग करीब डेढ़ दर्जन ड्रोन की मदद से अवैध शराब के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई चल रही है। ड्रोन की मदद से अभी तक करीब 20 हजार छापेमारी की जा चुकी है, जिसमें तीन लाख लीटर से अधिक शराब बरामद कर नष्ट की गई है।
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