सारस न्यूज, वेब डेस्क।
क्या है आई फ्लू?
आई फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है, जिसे मेडिकल की भाषा में कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) कहा जाता है। इस इन्फेक्शन को पिंक आई डिजीज भी कहा जाता है। यह एक सेल्फ लिमिटिंग इंफेक्शन होता है, जो एक से दो हफ्ते में अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि इसे लेकर लोगों के दिमाग में कई गलतफहमियां भी हैं। कई लोग मानते हैं कि आई फ्लू की वजह से आईसाइट पर असर पड़ता है और नजर कमजोर हो सकती है। ऐसा बिलकुल नहीं है। यह एक नॉर्मल वायरल इन्फेक्शन है जो अपने आप ठीक हो जाता है।
आई फ्लू के सिंपटम्स
कंजक्टिवाइटिस वायरल इंफेक्शन है और वायरल इंफेक्टशंस अपने आप ठीक होते हैं। इस इन्फेक्शन के सिम्पटम्स हैं, आंखों का लाल हो जाना, आंखों से फ्लूड जैसा पदार्थ निकलना, खुजली होना, चुभन का एहसास होना और सूजन हो जाना। आंखों में लाइट सेंसिटिविटी और इरिटेशन की समस्या भी हो सकती है।
यह इन्फेक्शन फैलता कैसे है?
यह संक्रमित व्यक्ति की आंखें देखने से नहीं फैलता है। यह इंफेक्शन संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किए हुए तौलिये, रूमाल, बिस्तर या कपड़ों के संपर्क में आने से हो सकता है। सीधे संपर्क से भी यह संक्रमण फैल सकता है।
आई फ्लू से बचाव कैसे करें?
संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें, बीमार व्यक्ति से हाथ न मिलाएं, उनके द्वारा इस्तेमाल की हुई चीजों को न छुएं, अगर घर में कोई संक्रमित है तो उसे अलग रखें, कभी भी खुजली या चुभन का एहसाह हो तो आंखों को अच्छे से धो लें और डॉक्टर से मिलें। आई फ्लू को ठीक करने के लिए किसी टैबलेट या ड्रॉप की जरूरत नहीं होती है। यह अपने आप ठीक हो जाता है। अगर आपको ज्यादा इरिटेशन हो रही है, तो आर्टिफिशियल टीयर और लुब्रिकेंट आई ड्रॉप का इस्तेमाल कर सकते हैं। एंटीबायोटिक आई ड्रॉप डॉक्टर की सलाह के बाद ही आंखों में डालें।
यह एक सेल्फ लिमिटिंग इंफेक्शन है, जो कुछ दिनों में ठीक होना शुरू हो जाता है।कंजक्टिवाइटिस आंखों के लिए खतरनाक नहीं होता है। अधिकतर मामलों में यह अपने आप 10-15 दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में टेंपररी तौर पर विजन में दिक्कत हो सकती है। हालांकि वह धीरे-धीरे अपने आप ठीक हो जाती है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है।