सारस न्यूज टीम, बिहार।
बिहार में पिछले लंबे समय से बारिश नहीं हो रही है। राज्य में मानसून की शुरुआत जून में ही हो गई थी। राज्य में मानसून शुरू होने पर कुछ समय अच्छी बारिश दर्ज की गई थी। लेकिन उसके बाद वापस से बारिश की रफ्तार कम हो गई थी। राज्य में पिछले काफी समय से बारिश नहीं होने के कारण किसानों को खासी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को धान की रोपनी के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर नहरों से भी किसानों को धान की रोपनी के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है।
किसान झेल रहे दोहरी मार
दरअसल इस बार बिहार में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। जिसके चलते किसानों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। धान की खेती मानसूनी बारिश पर निर्भर करती है। बारिश नहीं होने के से धान की फसले बर्बाद हो रही है। इसके अलावा सूखे के हालात पैदा हो गए हैं। वहीं नहरों से घिरे बिक्रम, दुल्हिनबाजार, पालीगंज एवं नौबतपुर प्रखंड के किसान धान की रोपनी को लेकर हताश और परेशान हैं। धान की रोपनी को लेकर किसान दोहरी मार झेल रहे है। किसान एक तरफ मानसूनी बारिश नहीं होने के कारण परेशान हैं। वहीं दूसरी ओर नहरों में पानी के अभाव को लेकर भी किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नहीं मिल रहा पर्याप्त मात्रा में पानी
सावन के महीने में इस बार सामान्य से कम बारिश होने के कारण भूगर्भ में भी पानी की कमी हो रही है और बोरिंग से भी पानी नहीं मिल पा रहा है। बारिश नहीं होने से राज्य में सूखे के हालात पैदा हुए हैं। जिसके चलते किसानों को चिंता सता रही है। सिंचाई विभाग के पदाधिकारी ने बताया कि पटना की सोन नहर में बराज की मांग के अनुरूप पानी नहीं मिलने से निचले क्षेत्रों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। जिसमें मनेर रेवा, पुरानी रेवा नहर में पानी नहीं आने से किसानों को सिंचाई के लिए परेशानी हो रही है। हालांकि इस समय सूखे के आसार लगातार बढ़ रहे हैं। जिसके चलते किसान काफी निराश हैं।