सारस न्यूज टीम, पटना।
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा के पैटर्न में हुए बदलाव के विरोध में सैकड़ों अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को बीपीएससी गेट पर हंगामा किया और जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि खेल के बीच में नियम नहीं बदलेगा और बीपीएससी 67वीं के लिए जब नोटिफिकेशन निकला था उस समय परीक्षा का जो पैटर्न था, उसी पैटर्न पर फिर से परीक्षा ली जानी चाहिए। छात्रों का कहना है कि परीक्षा एक दिन में ही होनी चाहिए।
इस दौरान छात्र नेता दिलीप कुमार बताया कि आयोग ने 2 दिन में परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है और परसेंटाइल सिस्टम में धांधली होने की आशंका है। उन लोगों की एक ही मांग है कि परीक्षा एक दिन में ही आयोजित की जाए और उसी के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार किया जाए। 2 दिन परीक्षा आयोजित की जाएगी तो दोनों दिन परीक्षा के सवालों का लेवल अलग-अलग होगा। दिलीप कुमार ने कहा कि 8 मई को जब पीटी परीक्षा आयोजित की गई थी तो उसी समय उन्होंने ही क्वेश्चन पेपर लीक का मामला सबसे पहले उजागर किया था और मीडिया के सामने लाया था। जिसके बाद परीक्षा रद्द हुई थी। उन्होंने कहा कि पेपर लीक मामले में अब तक दर्जनों गिरफ्तारी हो चुकी है और बीपीएससी के अध्यक्ष का इस दिशा में कई कदम सराहनीय भी रहा है, लेकिन परीक्षा में परसेंटाइल सिस्टम का वह विरोध करते हैं। छात्र नेता दिलीप कुमार ने बताया कि यूपीएससी परीक्षा के समय बीपीएससी की परीक्षा ली जा रही है यह सरासर गलत है। आयोग को बीपीएससी परीक्षा के समय को लेकर के बदलाव करना चाहिए क्योंकि जो डेट निकला है 20 और 22 सितंबर उस समय यूपीएससी मेंस की परीक्षाएं होनी है, ऐसे में जो छात्र महाराष्ट्र में कहीं जाकर परीक्षा देने गया है उसके लिए बिहार में आकर अगले दिन परीक्षा देना संभव नहीं है। यूपीएससी मेंस परीक्षा के खत्म होने के कुछ दिनों बाद बिहार में बीपीएससी परीक्षा आयोजित की जाए। छात्रों को होम डिस्ट्रिक्ट के बगल के जिले में सेंटर दिया जाए ताकि परीक्षा देने जाने में सहूलियत हो और पूरी परीक्षा 1 दिन में ही आयोजित की जाए। 2 दिन परीक्षा आयोजित करने से अभ्यर्थी संतुष्ट नहीं हैं।
दरअसल पेपर लीक होने की वजह से रद्द हुई 67वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा की नई तिथि की घोषणा आयोग ने की थी 67वीं पीटी परीक्षा अब 20 और 22 सितंबर को होगी। इस बार परीक्षा में परसेंटाइल सिस्टम लागू किया गया है, लेकिन इस सिस्टम लागू किए जाने से अभ्यर्थियों में रोष है और इस रोष को प्रकट करने के लिए आज अभ्यर्थी आयोग का घेराव कर रहे हैं। इसके पहले भी अभ्यर्थियों ने 22 अगस्त को परसेंटाइल सिस्टम के खिलाफ ट्विटर पर ट्रेंड कराया।
बताते चलें कि 802 पदों के लिए मुख्य परीक्षा के लिए 10 गुना लगभग 8000 अभ्यर्थियों का आरक्षण कोटि के हिसाब से बटरफ्लाई होगा। परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की आंसर शीट की चेकिंग की जाएगी और उत्तर पुस्तिका चेक करने से पहले सॉफ्टवेयर का मॉक चेक कर दिया जाएगा ताकि कहीं कोई त्रुटि नहीं रह जाए। अभ्यर्थियों की आंख और अंगूठे का निशान लेकर परीक्षा हॉल में प्रवेश करने दिया जाएगा और जो भी फिंगरप्रिंट नहीं देना चाहेंगे उन्हें परीक्षा से वंचित रखा जाएगा। इसके साथ ही बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन ने निर्णय लिया है कि आयोग के वेबसाइट पर अभ्यर्थी अपने आंसर शीट को चेक कर पाएंगे। इसके लिए मुख्य परीक्षा की कॉपी स्कैन करके डाली जाएगी ताकि आरटीआई से अंक संबंधित जानकारी मांगने की आवश्यकता ना पड़े। परीक्षा में क्वेश्चन लीक होने से बचने के लिए सभी परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाए जाएंगे और संवेदनशील सेंटर पर अतिरिक्त टीम तैनात की जाएगी। हर परीक्षा केंद्र का एक यूनिक कोड होगा इससे प्रश्न पत्र की पहचान की जाएगी कि कौन सा प्रश्न किस परीक्षा केंद्र का है। वहीं, प्रारंभिक परीक्षा के बाद एक बार अभ्यर्थियों को अपने ऐच्छिक विषय बदलने का भी आयोग इस बार से मौका दे रहा है।
गौरतलब है कि पेपर लीक का ये मामला उस समय हुआ था, जब 8 मई को बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा ली जा रही थी। इस परीक्षा में लगभग 5 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी पूरे राज्य से शामिल हुए थे। बीपीएससी पीटी परीक्षा को लेकर राज्य के 38 जिलों में 1083 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। राजधानी पटना में ही अकेले 83 केंद्रों पर 55710 छात्र परीक्षा दे रहे थे। लेकिन अचानक सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से ये खबर आने लगी कि परीक्षा का पेपर लीक हो गया है। दरअसल टेलीग्राम ग्रुप पर प्रश्न पत्र परीक्षा से कुछ मिनट पहले ही वायरल हो चुका था। बता दें कि टेलीग्राम एक मोबाइल एप्लिकेशन है। छात्रों ने परीक्षा समाप्त होने के बाद जब वायरल प्रश्न पत्र से परीक्षा में आये सवालों को मिलाया तो वायरल प्रश्न पत्र मैच कर गए। इसके बाद से कई स्थानों पर अभ्यर्थियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। बिहार के आरा जिले के वीर कुंवर सिंह कालेज परीक्षा केंद्र पर तो सैकड़ों परीक्षार्थियों ने खूब बवाल काटा। इस पूरे मामले के बाद सरकार और प्रशासन में हड़कंप मच गया। इसे लेकर पूरे देश में बिहार सरकार की फजीहत होने लगी। पूरे मामले पर सख्ती से निपटने का आदेश जारी किया गया।