मंगलवार को निगरानी ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश मनीष द्विवेदी की अदालत ने करीब साढ़े पांच वर्ष पूर्व रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए भवन निर्माण विभाग(बीसीडी) के सहायक अभियंता (असिस्टेंट इंजीनियर) बृजा सिंह को चार वर्ष की कैद की सजा दी है। अदालत ने अभियुक्त सहायक अभियंता बृजा सिंह पर 35 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर उन्हें छह माह और कारावास में रहना होगा। बृजा सिंह अपने विभाग में बकाया बिल भुगतान के बदले में पांच प्रतिशत की रिश्वत मांगने के दोषी पाए गए हैं।इस बाबत निगरानी (ट्रैप मामले) के प्रभारी विशेष लोक अभियोजक किशोर कुमार सिंह ने बताया कि भवन निर्माण के ठेकेदार राजेश कुमार ने विभाग के तीन जगह काम कराए थे, जिसका 4:76 लाख के बकाया बिल के भुगतान के बदले भवन निर्माण विभाग के राजेन्द्र नगर अवर प्रमंडल (पटना) के तत्कालीन असिस्टेंट इंजीनियर बृजा सिंह ने कुल राशि का पांच प्रतिशत की रिश्वत मांगी थी। ठेकेदार ने इसकी शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में की। इसके बाद निगरानी की कार्रवाई में बृजा सिंह रिश्वत में 25 हजार रुपये लेते रंगे हाथ पकड़े गए। निगरानी (ट्रैप) के प्रभारी विशेष लोक अभियोजक किशोर कुमार सिंह ने बताया कि निगरानी की टीम ने बृजा सिंह को बीते 02 मार्च 2017 को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 10 लोगों ने गवाही दी। पटना निगरानी के विशेष न्यायाधीश मनीष द्विवेदी ने बृजा सिंह को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अंतर्गत दोषी पाया और उक्त सजा सुनाई।
सारस न्यूज टीम, पटना।
मंगलवार को निगरानी ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश मनीष द्विवेदी की अदालत ने करीब साढ़े पांच वर्ष पूर्व रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए भवन निर्माण विभाग(बीसीडी) के सहायक अभियंता (असिस्टेंट इंजीनियर) बृजा सिंह को चार वर्ष की कैद की सजा दी है। अदालत ने अभियुक्त सहायक अभियंता बृजा सिंह पर 35 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर उन्हें छह माह और कारावास में रहना होगा। बृजा सिंह अपने विभाग में बकाया बिल भुगतान के बदले में पांच प्रतिशत की रिश्वत मांगने के दोषी पाए गए हैं।इस बाबत निगरानी (ट्रैप मामले) के प्रभारी विशेष लोक अभियोजक किशोर कुमार सिंह ने बताया कि भवन निर्माण के ठेकेदार राजेश कुमार ने विभाग के तीन जगह काम कराए थे, जिसका 4:76 लाख के बकाया बिल के भुगतान के बदले भवन निर्माण विभाग के राजेन्द्र नगर अवर प्रमंडल (पटना) के तत्कालीन असिस्टेंट इंजीनियर बृजा सिंह ने कुल राशि का पांच प्रतिशत की रिश्वत मांगी थी। ठेकेदार ने इसकी शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में की। इसके बाद निगरानी की कार्रवाई में बृजा सिंह रिश्वत में 25 हजार रुपये लेते रंगे हाथ पकड़े गए। निगरानी (ट्रैप) के प्रभारी विशेष लोक अभियोजक किशोर कुमार सिंह ने बताया कि निगरानी की टीम ने बृजा सिंह को बीते 02 मार्च 2017 को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 10 लोगों ने गवाही दी। पटना निगरानी के विशेष न्यायाधीश मनीष द्विवेदी ने बृजा सिंह को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अंतर्गत दोषी पाया और उक्त सजा सुनाई।
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