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भीषण गर्मी एवं लू की संभावना को ले आम जनता की सुरक्षा के लिए डीएम ने जिला-स्तरीय पदाधिकारियों को सौंपा दायित्व, त्रुटिरहित आपदा प्रबंधन के लिए डीएम ने दिया अन्तर्विभागीय समन्वय पर जोर।


सारस न्यूज, किशनगंज।

गुरुवार को जिलाधिकारी, किशनगंज श्रीकांत शास्त्री ने आपदा प्रबंधन कार्यों के अंतर्गत आगामी संभावित हीट वेव को लेकर सभी हितधारकों के साथ समाहरणालय सभागार में बैठक की। इस वर्ष भीषण गर्मी एवं लू की संभावना के मद्देनज़र आम जनता की सुरक्षा के लिए विभिन्न विभागों के जिला-स्तरीय पदाधिकारियों को दायित्व सौंपा है।

डीएम श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि ग्रीष्म काल प्रारंभ होने वाला है और राज्य में गर्मी के मौसम में भीषण गर्मी के साथ लू चलती है जिसके कारण जनजीवन प्रभावित होता है। गर्मी के मौसम में लू से क्षति को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार सतर्कता की जरूरत है।

डीएम ने त्रुटिरहित आपदा प्रबंधन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य, पशु एवं मत्स्य संसाधन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, नगर विकास, शिक्षा, समाज कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, जन-सम्पर्क, परिवहन, ऊर्जा, श्रम संसाधन, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, अग्निशमन सहित सभी विभागों के जिला-स्तरीय पदाधिकारियों को प्रदत्त नर्देशों का अक्षरशः अनुपालन करने को कहा है। आम जनता विशेषकर छोटे बच्चों, स्कूली बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं तथा काम के लिए घर से बाहर निकलने वाले व्यक्तियों को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।


डीएम श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के स्थानीय इकाई से लू की पूर्व चेतावनी एवं इसकी सूचना प्राप्त कर सभी प्रमुख स्टेकहोल्डर्स तक पहुँचाने की व्यवस्था ज़िला आपदा प्रबंधन शाखा द्वारा की जाएगी। साथ ही लू की पूर्व चेतावनी आम जनता को भी टीवी, रेडियो, प्रिंट मीडिया, प्रेस विज्ञप्ति एवं एसएमएस आदि के माध्यम से सूचना दी जाएगी।


डीएम ने विभिन्न विभागों के जिला-स्तरीय पदाधिकारियों को निम्नलिखित दायित्व सौंपा है:

स्वास्थ्य विभाग- डीएम ने प्रभारी असैनिक शल्य चिकित्सक-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, किशनगंज को नर्देश दिया है कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, रेफरल अस्पतालों, सदर अस्पताल व अनुमंडलीय अस्पताल में लू से प्रभावितों के इलाज हेतु विशेष व्यवस्था की जाए। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों एवं अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पैकेट, आईभी फ्लूड एवं जीवन रक्षक दवा इत्यादि की व्यवस्था होनी चाहिए।


अत्यधिक गर्मी से पीड़ित व्यक्तियों के इलाज हेतु आवश्यकतानुसार अस्पतालों में आईसोलेसन वार्ड की व्यवस्था होनी चाहिए एवं लू से पीड़ित बच्चों, बूढ़ों, गर्भवती महिलाओं तथा गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। आवश्यकतानुसार प्रभावित जगहों हेतु स्टैटिक व चलन्त चिकित्सा दल की भी व्यवस्था कर ली जाए। गर्म हवाएं एवं लू से बचाव के उपाय से संबंधित सूचना, शिक्षा एवं संचार (आइईसी) सामग्री पम्पलेट व पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराएँ।


नगर विकास एवं आवास विभाग- डीएम ने सभी नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक जगहों पर पियाऊ की व्यवस्था सुनिश्चित रहनी चाहिए। इन स्थानों पर गर्म हवाओं एवं लू से बचाव से संबंधित सूचनाओं को भी प्रदर्शित किया जाना चाहिए ताकि आम जन इनसे भली भाँति अवगत हो सकें। मिट्टी के घड़ा में पानी भरकर प्याऊ की व्यवस्था सभी नगर निकाय में अवश्य की जाय। अपने क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत खराब चापाकलों का मरम्मत युद्ध स्तर पर करायी जाएँ। आश्रय स्थलों में पेय जल तथा स्लम के निवासियों हेतु आकस्मिक दवाओं की व्यवस्था की जाए।

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग- डीएम ने कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी को निर्देश दिया है कि खराब चापाकलों का मरम्मत युद्ध स्तर पर किया जाए। जिन स्थानों पर नल का जल नहीं पहुंचता हो एवं चापाकलों में पानी की कमी हो गयी हो, वहाँ आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा पेयजल संकट से निबटने हेतु निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार टैंकरों के माध्यम से पेयजल पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। भूगर्भ जल स्तर की लगातार समीक्षा की जाए एवं इस पर सतत् निगरानी रखी जाए।

शिक्षा विभाग- डीएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निदेश दिया है कि सभी स्कूलों एवं परीक्षा केन्द्रों में पेयजल, ओआरएस की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। गर्म हवाएं व लू से बचाव के उपाय से संबंधित सूचना, शिक्षा एवं संचार सामग्री पम्पलेट व पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराएँ।


समाज कल्याण विभाग- डीएम ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, आईसीडीएस को निर्देश दिया है कि
सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पेयजल की समुचित व्यवस्था करायी जानी चाहिए एवं वहाँ पर गर्म हवाओं एवं लू से बचाव से संबंधित सूचना, शिक्षा एवं संचार सामग्री (बच्चों को समझने हेतु) प्रदर्शित कर जनता को जागरूक किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर जीवन रक्षक घोल (ओआरएस) की व्यवस्था की जाए।

नवजात शिशु बच्चों, धातृ एवं गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से विशेष चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था की जाए। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग- डीएम ने जिला पशुपालन पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि सरकारी ट्यूबवेल के समीप अथवा अन्य सुविधायुक्त स्थानों पर गड्ढा खुदवा कर पानी इक्कट्ठा की जाए, ताकि पशु-पक्षियों को पानी मिल सके। जिला में जलाशय की कमी नहीं है,आवश्यकतानुसार स्थानीय जन प्रतिनिधि से सहयोग लेकर पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। पशुओं के बीमार पड़ने पर चिकित्सा दल की व्यवस्था की जाए।

ग्रामीण विकास विभाग- डीएम ने उप विकास आयुक्त, मनन राम को निर्देश दिया है कि मनरेगा अन्तर्गत तालाबों व आहर इत्यादि की खुदाई की योजनाओं में तेजी लायी जाए, जिससे इनमें पानी इकट्ठा कर पशु-पक्षियों को पानी उपलब्ध कराया जा सके। कार्य स्थल पर पेय जल तथा लू लगने पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाए।

पंचायती राज विभाग- डीएम ने जिला पंचायत राज पदाधिकारी श्वेतांक लाल को निर्देश दिया है कि विभाग के द्वारा पंचायतों में लू चलने के दौरान ‘क्या करें क्या न करें का प्रचार प्रसार कराया जाए। गांवों में पेय जल की व्यवस्था हेतु पंचायतों को कार्य योजना बनाने हेतु निर्देशित किया जाए तथा जल संरक्षण की योजनाओं पर कार्य किया जाए।

श्रम संसाधन विभाग- डीएम ने श्रम अधीक्षक को निदेश दिया है कि कार्य स्थल पर पेय जल की व्यवस्था तथा लू लगने पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाए। खुले में काम करने वाले भवन बनाने वाले तथा कल-कारखानों में काम करने वाले मजदूरों के लिए पेय जल, आईस पैड की व्यवस्था के साथ शेड की भी व्यवस्था की जाए। साथ ही लू से बचाव हेतु औद्योगिक मजदूरों एवं अन्य मजदूरों के बीच जागरूकता कैम्प लगवाया जाय।

परिवहन विभाग- डीएम ने जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि सार्वजनिक परिवहन के गाड़ियों में पेय जल तथा ओआरएस के साथ-साथ प्राथमिक उपचार की भी व्यवस्था किया जाय। ऊर्जा विभाग- डीएम ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बिजली के ढीले तारों को ठीक करवाने की व्यवस्था की जाए।विशेषकर खेत और ग्रामीण स्थलों में सर्वे कराकर तार को ठीक करवा लें। निर्बाध बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था की जाए।

सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग- डीएम ने जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि
गर्म हवाएं व लू से बचाव के उपाय से संबंधित सूचना, शिक्षा एवं संचार सामग्री का प्रचार-प्रसार कराया जाय।पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग- डीएम ने वन विभाग के पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि गर्मियों के दिनों में लू चलने से वन्य जीव भी प्रभावित होते हैं। अतः वन्य जीव उद्यानों तथा अभयारण्यों में पानी की व्यवस्था की जाए। वन्य जीव उद्यानों में जानवरों के पिंजड़ों को ठंडा रखने की व्यवस्था की जाए। अभयारण्यों में गड्ढे खोदकर वन्य जीवों के लिए जल की व्यवस्था की जानी चाहिए। पर्यटन स्थलों पर पेयजल की व्यवस्था की जाय। साथ ही लू से बचाव हेतु पर्यटकों के लिए एडभाईजरी निर्गत किया जाय।

अग्निशमन:- डीएम ने जिला अग्निशमन पदाधिकारी को निदेश दिया है कि भीषण गर्मी के कारण अगलगी की घटनाओं में भी वृद्धि होने की संभावना रहती है। अगलगी की घटनाओं से निबटने एवं उनके रोकथाम के लिए विभागीय मानक संचालन प्रक्रियानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। डीएम ने उपस्थित सभी अंचलाधिकारियों को भी भीषण गर्मी एवं लू से आम जनता के सुरक्षा के लिए सतर्क रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग के पदाधिकारी लू की पूर्व चेतावनी तथा इसकी सूचना प्राप्त कर सभी हितधारकों (स्टेकहोल्डर) तक पहुँचाने की व्यवस्था करेंगे ताकि इसकी विभीषिका से बचा जा सके। सभी अंचलाधिकारी अग्नि क्षति को लेकर संवेदनशील रहें। डीएम ने कहा कि जनसामान्य को हरेक सहायता पहुँचाने के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है।

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