सारस न्यूज टीम, पटना।
राज्य के सभी 261 नगर निकायों में अति पिछड़ा वर्गों (ईबीसी) के सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। सर्वे के बाद सभी जिलों से रिपोर्ट अनुग्रह नारायण सिन्हा इंस्टीट्यूट को भेज दी गई है और रिपोर्ट का अध्ययन इंस्टीटयूट में हो रहा है। इंस्टीटयूट सर्वेक्षण रिपोर्ट का डाटाबेस तैयार कर रहा है। अध्ययन रिपोर्ट एक सप्ताह में अति पिछड़ा आयोग (ईबीसी) को भेज दिया जाएगा। सर्वे के द्वारा नगर निकायों में चिह्नित 1050 वार्डों के करीब 52 हजार परिवारों की सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति का पता लगाया गया है।
इसी आधार पर अति पिछड़ा आयोग आरक्षण की संस्तुति चुनाव आयोग को भेजेगा। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद निकाय चुनाव से पहले राज्य के सभी नगर निकायों में अतिपिछड़ों की सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति का पता लगाया जा रहा है। चिन्हित परिवारों की स्थिति का सर्वेक्षण संबंधित जिलों के जिला प्रशासन की ओर से कराया गया है। इसकी निगरानी अनुग्रह नारायण सिन्हा सामाजिक शोध संस्थान कर रहा है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक ईबीसी सर्वेक्षण का काम 10 दिन पहले शुरू किया गया था। एक नवंबर को एएन सिन्हा इंस्टीटयूट के विशेषज्ञों ने सभी जिलों के संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उसके बाद नगर निकाय क्षेत्रों में सर्वेक्षण के लिए वार्डों में इनोवेटर की तैनाती की गई। इंस्टीटयूट के विशेषज्ञों का कहना है कि सर्वेक्षण रिपोर्ट का अध्ययन गंभीरता से किया जा रहा है ताकि किसी प्रकार की त्रुटि न हो। एक सप्ताह में सर्वेक्षण का सार निकाल लिया जाएगा तथा मंतव्य के साथ अध्ययन रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
बताते चलें कि ईबीसी के सर्वे में चार मुख्य बिंदुओं पर सर्वेक्षण किया गया था कि बिहार में अति पिछड़ों की सामाजिक स्थिति क्या है? शैक्षणिक रूप से यह वर्ग कितना पिछ़डा हुआ है? आर्थिक रूप से कितना कमजोर है? तथा प्रदेश में राजनैतिक रूप से अति पिछड़ा वर्ग की क्या स्थिति है? इन चार मुख्य बिन्दुओं की जानकारी लेने के लिए प्रदेश के सभी जिलों के डीएम के स्तर से चयनित वार्ड क्षेत्र में दो इनोवेटर तैनात किए गए थे। इनोवेटर के पास एक प्रारूप था।
जिसमें अति पिछड़ों की स्थिति जानने के लिए उक्त सवाल दिए गए थे। अधिकारियों का कहना है कि सर्वेक्षण में ज्यादातर परिवार के मुखिया (परिवार का मुख्य सदस्य) से जानकारी ली गई है। इसके अलावा तीन अन्य कर्मचारी भी उनकी सहायता के लिए थे ताकि सर्वेक्षण समय पर पूरा किया जा सके। वहीं सर्वेक्षण के लिए प्रत्येक वार्ड में 50 परिवार चिन्हित किए गए थे। परिवार के सदस्यों से उनकी आर्थिक, सामाजिक रूप से सक्रियता, परिवार के कितने लोग साक्षर हैं या उच्च शिक्षा ग्रहण किए हैं, परिवार में कोई व्यक्ति त्रिस्तरीय पंचायत, नगर निकाय या कोई अन्य राजनैतिक रूप से पदधारक है या नहीं इसकी भी जानकारी ली गई है।
बताते चलें कि सर्वेक्षण के लिए नगर निगम क्षेत्र में सात वार्ड चयनित किए गए थे। नगर परिषद क्षेत्र में पांच वार्ड तथा नगर पंचायत क्षेत्र में तीन वार्ड चयनित किए गए थे। राज्य में कुल 1050 चयनित वार्ड में सर्वेक्षण किया गया है। इसमें किशनगंज नगर परिषद में पांच, बहादुरगंज, ठाकुरगंज एवं पौआखाली में तीन तीन वार्ड कुल जिले के 14 वार्ड शामिल थे।