रामचरितमानस को पोटाशियम साइनाइड बताने वाले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर बयान देते हैं तेजस्वी यादव उससे सहमत नहीं हैं और फिर भी उन पर कार्रवाई नहीं होती ऐसा कैसे संभव है, आरजेडी वाले जान बूझकर उनसे कहलवा रहे हैं: प्रशांत किशोर।
जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि शिक्षा मंत्री की बात है, तो उनको व्यक्तिगत तौर पर भी में जानता हूं। चंद्रशेखर जी पढ़े-लिखे समझदार व्यक्ति हैं। जहां तक में समझता हूं कि ये चंद्रशेखर जी का व्यक्तिगत मामला नहीं है न ही व्यक्तिगत तीखी टिप्पणी है। ये दल गत मामला है दल वाले ही इनसे कहलवाते हैं। जहां तक ये बात कहना चाहिए कि नहीं तो आप जिस राज्य के शिक्षा मंत्री है वहां हर व्यक्ति मान रहा है कि शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। तो उनको शिक्षा को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए बजाय इसके कि ऊलजलूल बातें कहें वो भी पार्टी के कहने पर, पार्टी के नेताओं के कहने पर। ये सब पार्टी वाले कराते हैं। ऐसा बयान जान बूझकर दिलवाया जाता है ताकि समाज में विद्वेष बढ़े। आपस में मारपीट झगड़ा-लड़ाई हो और रोजगार शिक्षा के नाम से ध्यान भटका रहे हैं। आरजेडी के नेता और लालू यादव के लड़के सकारात्मक बात पर राजनीति करना चाहते हैं तो बिहार के लिए ये बहुत अच्छी बात है। आरजेडी वालों ने अपने जीवन में कभी सकारात्मक बात तो की नहीं है। न इनके बाबूजी ने किया न माताजी ने किया न ये खुद कर रहे हैं। मीडिया को नसीहत दे रहे हैं तो मीडिया वालों को खुश होना चाहिए कि लालू जी के लड़के सकारात्मक राजनीति करने की बात कर रहे हैं। तेजस्वी यादव नए लड़के हैं और अगर इनकी समझ में आए की सकारात्मक राजनीति हो सकती है तो अच्छी बात है। मुजफ्फरपुर के विरहिमा में पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि तेजस्वी यादव को अपने नेताओं और मंत्रियों को सलाह देनी चाहिए। सबसे पहले खुद इसे माने। ये कैसे संभव है कि उनका मंत्री बयान दे रहा है और तेजस्वी यादव को पता नहीं है। आपको लगता है कि आरजेडी में कोई मंत्री बयान दे देगा और पता नहीं होगा। सुधाकर सिंह ने बयान दिया वो कितने दिन मंत्रालय में रहे? वो जगदानंद सिंह के लड़के हैं इसके बावजूद उनको पद छोड़ना पड़ा। ऐसा कैसे संभव कि चंद्रशेखर जी बयान देते हैं तेजस्वी यादव उससे सहमत नहीं हैं और फिर भी उनपर कार्रवाई नहीं होती है। इतनी राजनीति तो सबको समझ आ रही है। खुद ही ये लोग बयान दिलवाते हैं ताकि समाज में हिन्दू-मुस्लिम हो और समाज में ध्रुवीकरण बना रहे ताकि उसी पर रोटी सेक कर राजनीति करते रहें।
सारस न्यूज, किशनगंज।
जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि शिक्षा मंत्री की बात है, तो उनको व्यक्तिगत तौर पर भी में जानता हूं। चंद्रशेखर जी पढ़े-लिखे समझदार व्यक्ति हैं। जहां तक में समझता हूं कि ये चंद्रशेखर जी का व्यक्तिगत मामला नहीं है न ही व्यक्तिगत तीखी टिप्पणी है। ये दल गत मामला है दल वाले ही इनसे कहलवाते हैं। जहां तक ये बात कहना चाहिए कि नहीं तो आप जिस राज्य के शिक्षा मंत्री है वहां हर व्यक्ति मान रहा है कि शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। तो उनको शिक्षा को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए बजाय इसके कि ऊलजलूल बातें कहें वो भी पार्टी के कहने पर, पार्टी के नेताओं के कहने पर। ये सब पार्टी वाले कराते हैं। ऐसा बयान जान बूझकर दिलवाया जाता है ताकि समाज में विद्वेष बढ़े। आपस में मारपीट झगड़ा-लड़ाई हो और रोजगार शिक्षा के नाम से ध्यान भटका रहे हैं। आरजेडी के नेता और लालू यादव के लड़के सकारात्मक बात पर राजनीति करना चाहते हैं तो बिहार के लिए ये बहुत अच्छी बात है। आरजेडी वालों ने अपने जीवन में कभी सकारात्मक बात तो की नहीं है। न इनके बाबूजी ने किया न माताजी ने किया न ये खुद कर रहे हैं। मीडिया को नसीहत दे रहे हैं तो मीडिया वालों को खुश होना चाहिए कि लालू जी के लड़के सकारात्मक राजनीति करने की बात कर रहे हैं। तेजस्वी यादव नए लड़के हैं और अगर इनकी समझ में आए की सकारात्मक राजनीति हो सकती है तो अच्छी बात है। मुजफ्फरपुर के विरहिमा में पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि तेजस्वी यादव को अपने नेताओं और मंत्रियों को सलाह देनी चाहिए। सबसे पहले खुद इसे माने। ये कैसे संभव है कि उनका मंत्री बयान दे रहा है और तेजस्वी यादव को पता नहीं है। आपको लगता है कि आरजेडी में कोई मंत्री बयान दे देगा और पता नहीं होगा। सुधाकर सिंह ने बयान दिया वो कितने दिन मंत्रालय में रहे? वो जगदानंद सिंह के लड़के हैं इसके बावजूद उनको पद छोड़ना पड़ा। ऐसा कैसे संभव कि चंद्रशेखर जी बयान देते हैं तेजस्वी यादव उससे सहमत नहीं हैं और फिर भी उनपर कार्रवाई नहीं होती है। इतनी राजनीति तो सबको समझ आ रही है। खुद ही ये लोग बयान दिलवाते हैं ताकि समाज में हिन्दू-मुस्लिम हो और समाज में ध्रुवीकरण बना रहे ताकि उसी पर रोटी सेक कर राजनीति करते रहें।
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