सारस न्यूज, वेब डेस्क।
चुनाव आयोग तेजी से लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गया है। इसी क्रम में 30 सितंबर को सभी जिलाधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए पटना बुलाया गया है। इस प्रशिक्षण शिविर में सभी जिलों के जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन पदाधिकारी, उप निर्वाचन पदाधिकारी और सभी जिलों के ईवीएम के नोडल पदाधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है। भारत निर्वाचन आयोग के एसओपी के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद पहली अक्टूबर से ईवीएम की प्रथम स्तरीय जांच शुरू होगी। निर्वाचन विभाग द्वारा जिलों को भेजे गए पत्र में जिलाधिकारियों के साथ अन्य पदाधिकारियों को मुख्य रूप से ईवीएम के सुरक्षा मानकों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही तकनीकी सुरक्षा के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। इसके अलावा नए ईवीएम के माडल एम-3 की प्रथम स्तरीय जांच कैसे की जाएगी। इसमें कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और वीवीपैट के बारे में बताया जाएगा। प्रथम स्तरीय जांच की क्या प्रक्रिया होगी। कार्यशाला में भारत निर्वाचन आयोग के पदाधिकारी भी शामिल होंगे। आयोग ईवीएम को लेकर सभी पदाधिकारियों की हर तरह की जानकारी से लैस करने के लिए प्रशिक्षण देगा।
बता दें कि राज्य में एक लाख से अधिक बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवी पैट की आपूर्ति जिलों में ईसीआइएल द्वारा की जा चुकी है। इस बार पूरी तरह से माडल एम-3 ईवीएम से लोकसभा चुनाव संपन्न कराने की योजना है।
छह जिलों में शुरू होगी जांच
प्रशिक्षण के तुरंत बाद राज्य में ईवीएम की प्रथम स्तरीय जांच का काम पहली अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। पहले चरण में छह जिलों में रखे गए बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट की जांच होगी। इसमें पटना , गया, सीतामढ़ी, पूर्णिया, दरभंगा और भागलपुर जिला के भंडारगृहों में रखे गए ईवीएम की प्रथम स्तरीय जांच होगी। पहले चरण में छह जिलों में उपलब्ध इंजीनियरों द्वारा जांच के बाद अन्य जिलों में जांच का काम आगे बढ़ाया जाएगा।