चंदन मंडल, सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
सिलीगुड़ी: 17 सितंबर शनिवार को विश्वकर्मा भगवान धूम-धाम से पूजा की जाएगी। कोविड-19 (कोरोना महामारी) के कारण विगत दो वर्षों से लोग पर्व-त्यौहार ठीक तरह से नहीं मना पाएं थे। विश्वकर्मा पूजा को दो दिन ही शेष रह गए हैं, ऐसे में इन दिनों रौनक का माहौल बना हुआ है। इस वर्ष लोग भी विश्वकर्मा पूजा धूमधाम से मनाने का मन भी मना लिया है। इसे लेकर लोगों ने तैयारियां भी शुरू कर दिया है। वहीं तमाम मूर्तिकार विश्वकर्मा भगवान के साथ मां दुर्गा की मूर्ति बनाने में जोर शोर से जुटे हैं। बीते दो साल के मुकाबले अलग-अलग जगहों से मूर्ति का ऑर्डर मिल रहा है। महंगे होने के बावजूद बाजार में कच्ची मिट्टी की बनी मां दुर्गा और विश्वकर्मा भगवान की मूर्ति लोगों की डिमांड लिस्ट का हिस्सा है।
शनिवार को जगह-जगह विश्वकर्मा पूजा बहुत धूमधाम से मनाया जाएगा। बतासी के मूर्तिकार तपन पाल ने बताया कि मूर्ति बनाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। मूर्तियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, और मूर्ति में रंगाई का कार्य अब भी शेष है। इसके मद्देनजर जोर शोर से कार्य में जुटे हुए हैं। ऐसे में समय रहते कार्य पूरा कर लिया जाएगा। वहीं जहां तक मां दुर्गा की मूर्ति की बात है उन्हें भी बदलते दौर में आकर्षक रूप देने का प्रयास किया गया है। मां की मूर्ति में विशेष रूप से उनके श्रृंगार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। शेर पर सवार मां दुर्गा की छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी सभी आकार की मूर्ति बनाई जा रही है। इसके अलावा पूजन में इस्तेमाल होने वाले कलश और अन्य चीजों को भी तैयार कर लिया गया है। मूर्तियों को अधिक आकर्षित बनाने के लिए मूर्ति को कपड़े और आभूषण भी पहनाए गए हैं और साथ ही उन पर चमकीली चीजें भी लगाई गई हैं।
सनातन धर्म में विश्वकर्मा पूजा का है विशेष महत्व:-
सनातन धर्म में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है। श्रद्धालु भगवान विश्वकर्मा के साथ-साथ अपने औजारों, मशीनों व दुकानों की भी पूजा करते हैं। इस पूजा को करने के पीछे मान्यता है कि इससे व्यक्ति की शिल्पकला का विकास होता है और व्यापार में तरक्की मिलती है। हिन्दू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को शृष्टि का निर्माणकर्ता और शिल्पकार माना जाता है।
20 से अधिक मूर्तिकार बनाते हैं प्रतिमाएं:-
खोरीबाड़ी व नक्सलबाड़ी प्रखंड में करीब 20 से अधिक मूर्तिकार 3 से 4 फुट तक विश्वकर्मा भगवान की प्रतिमाएं बना रहे हैं। मूर्तिकारों को अधिकतर प्रतिमाओं का आर्डर भी मिल चुके हैं। 2 व 5 फूट प्रतिमा का ऑर्डर कम मिल रहे हैं।
25-30 फीसदी तक बढ़ गए सजावट के सामान के दाम:-
मूर्तिकार तपन पाल बताते हैं कि प्रतिमाओं को सजाने में इस्तेमाल सामान के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। कोरोना के कारण दो वर्षों से लंबे समय तक लॉकडाउन होने के कारण मुकुट, शस्त्र, बाल आदि की करीब 25 से 30 फीसदी कीमत बढ़ गयी है। इसके चलते मूर्तियों की लागत भी बढ़ी है।