मेरा गांव-मेरी धरोहर एप के जरिए अब कामन सर्विस सेंटर गांव के बिखरे धरोहरों को सहेजेगा। हर गांव का सर्वे कर धरोहर को केंद्र सरकार तक पहुंचाएगी। फिर हर गांव यानी उसकी धरोहरों को कोई भी कहीं से देख और जान सकेगा। इससे आने वाले समय में गांव की संस्कृति को नई पहचान मिलेगी। इसके लिए कला संस्कृति मंत्रालय में सीएससी को जिम्मेदारी दी है। सीएससी जिला के हर गांव में जाकर धरोहर की जानकारी एकत्रित कर एप पर डालेगी। सर्वे के दौरान गांव के अपनी धरोहर, सांस्कृतिक विशेषता, रहन-सहन की भी जानकारी देंगे। उनका भी नाम और फोटो के साथ वीडियो को एप पर अपलोड किया जाएगा। धरोहर के साथ एप सामाजिक कार्य और सुविधाओं की भी जानकारी देगा।
पहली बार हो रहा सांस्कृतिक सर्वेक्षण:-
देश में पहली बार इस तरह का सर्वेक्षण हो रहा है। सीएससी ने जिला इसका काम शुरु भी कर दिया है। पहले चरण में बौंसी प्रखंड के मंदार पर्वत का डेटा अपडेट किया गया है। इसके अलावा आसपास गांव की अन्य मंदिरों और लोगों से संबंधित वीडियो भी अपलोड किया जा चुका है। आसपास के लोग अपना परिवार कैसे चला रहे हैं, उनका रोजगार क्या है, इसकी जानकारी भी डाली गई है।जिला में 11 प्रखंड के 24 सौ गांवों में मेरा गांव मेरी धरोहर योजना का सर्वे होगा। इसके लिए हर पंचायत में मौजूद 12 सौ कामन सर्विस सेंटर संचालक को लगाया गया है। उन्हें एप उपलब्ध करा कर इसकी प्रक्रिया समझा दी गई है।
स्थानीय कलाकार और पौराणिक कथाओं को भी जगह:-
इस सर्वे के दौरान स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति और पौराणिक कथाओं को भी सुना जाएगा। गांव से जुड़े मंदिर और मस्जिद की कहानी भी गांव वालों की जुबानी इसमें कैद होगी। गांव के प्रसिद्ध व्यक्ति की जीवनी को भी इस एप पर साझा करेंगे। उस गांव से जुड़े कोई व्यक्ति का अगर राजनीतिक इतिहास रहा है, तो वीएलई उसे पोर्टल पर अपडेट करेंगे। इसके साक्ष्य तौर पर संचालक को उनसे संबंधित फोटो और वीडियो भी डालना हैं। सर्वे पूरा होने के बाद लोगों को एक क्लिक पर देश के किसी भी गांव की कहानी पता चल सकेगी। जबकि नई पीढी भी अपने गांव को जान और समझ पाएंगे। खास गांव की जानकारी पर उसे देखने पर्यटक पहुंचेगे।
बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
मेरा गांव-मेरी धरोहर एप के जरिए अब कामन सर्विस सेंटर गांव के बिखरे धरोहरों को सहेजेगा। हर गांव का सर्वे कर धरोहर को केंद्र सरकार तक पहुंचाएगी। फिर हर गांव यानी उसकी धरोहरों को कोई भी कहीं से देख और जान सकेगा। इससे आने वाले समय में गांव की संस्कृति को नई पहचान मिलेगी। इसके लिए कला संस्कृति मंत्रालय में सीएससी को जिम्मेदारी दी है। सीएससी जिला के हर गांव में जाकर धरोहर की जानकारी एकत्रित कर एप पर डालेगी। सर्वे के दौरान गांव के अपनी धरोहर, सांस्कृतिक विशेषता, रहन-सहन की भी जानकारी देंगे। उनका भी नाम और फोटो के साथ वीडियो को एप पर अपलोड किया जाएगा। धरोहर के साथ एप सामाजिक कार्य और सुविधाओं की भी जानकारी देगा।
पहली बार हो रहा सांस्कृतिक सर्वेक्षण:-
देश में पहली बार इस तरह का सर्वेक्षण हो रहा है। सीएससी ने जिला इसका काम शुरु भी कर दिया है। पहले चरण में बौंसी प्रखंड के मंदार पर्वत का डेटा अपडेट किया गया है। इसके अलावा आसपास गांव की अन्य मंदिरों और लोगों से संबंधित वीडियो भी अपलोड किया जा चुका है। आसपास के लोग अपना परिवार कैसे चला रहे हैं, उनका रोजगार क्या है, इसकी जानकारी भी डाली गई है।जिला में 11 प्रखंड के 24 सौ गांवों में मेरा गांव मेरी धरोहर योजना का सर्वे होगा। इसके लिए हर पंचायत में मौजूद 12 सौ कामन सर्विस सेंटर संचालक को लगाया गया है। उन्हें एप उपलब्ध करा कर इसकी प्रक्रिया समझा दी गई है।
स्थानीय कलाकार और पौराणिक कथाओं को भी जगह:-
इस सर्वे के दौरान स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति और पौराणिक कथाओं को भी सुना जाएगा। गांव से जुड़े मंदिर और मस्जिद की कहानी भी गांव वालों की जुबानी इसमें कैद होगी। गांव के प्रसिद्ध व्यक्ति की जीवनी को भी इस एप पर साझा करेंगे। उस गांव से जुड़े कोई व्यक्ति का अगर राजनीतिक इतिहास रहा है, तो वीएलई उसे पोर्टल पर अपडेट करेंगे। इसके साक्ष्य तौर पर संचालक को उनसे संबंधित फोटो और वीडियो भी डालना हैं। सर्वे पूरा होने के बाद लोगों को एक क्लिक पर देश के किसी भी गांव की कहानी पता चल सकेगी। जबकि नई पीढी भी अपने गांव को जान और समझ पाएंगे। खास गांव की जानकारी पर उसे देखने पर्यटक पहुंचेगे।
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