बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा संचालित साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति समेत सभी योजनाओं का लाभ लेने की लिए छात्र-छात्राओं की 75 हाजरी फिर से अनिवार्य हो गयी है। यह मौजूदा शैक्षिक सत्र 2022-23 से ही पुनप्रभावी कर दी गई है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसको लेकर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है। गौर हो कि कोरोना संक्रमण के चलते लम्बी चली स्कूलबंदी के दौरान बिहार सरकार ने इसमें छूट दी थी। शीर्ष स्तर से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद दो-तीन साल योजनाओं का लाभ देने में इस पैमाने को नजर अंदाज किया गया था। इस साल उन्हीं विद्यार्थियों को सरकारी योजनाओं की राशि मिल पाएगी जो कक्षा में कम से कम 75 फीसदी दिन मौजूद रहे होंगे।
विदित हो कि शिक्षा विभाग वित्तीय वर्ष 2019-20 से योजनाओं की राशि सीधे लाभुकों के खाते में अंतरित (डैरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) करता है। इसके लिए विभाग ने सरकारी विद्यालयों में पहली से लेकर 12वीं तक में नामांकित सभी छात्र-छात्राओं के डाटा की इंट्री और उनकी 75 फीसदी उपस्थिति के सत्यापन के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (स्टैंडर्ड अपरेटिंग प्रोसिजर) बना रखी है। एनआईसी द्वारा मेधा साफ्ट नामक एक साफ्टवेयर इसके लिए विकसित है। सभी नामांकितों के ब्यौरे इसपर अपलोड करने होते हैं।
शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सह डीबीटी कोषांग के नोडल पदाधिकारी मनोज कुमार ने मेधा सॉफ्ट पोर्टल पर मौजूदा शैक्षिक सत्र के छात्रों का डाटा इंट्री करने को लेकर जिलों को निर्देश दिया है। स्कूल प्रधान अपने छात्रों की इसपर इंट्री 30 सितम्बर तक पूर्ण करेंगे। 5 अक्टूबर तक इस पोर्टल पर दर्ज सभी छात्र-छात्रा की 75 फीसदी हाजरी को लेकर ‘यस’ या ‘नो’ दर्ज करना होगा। प्रारंभिक स्कूल इसका एक प्रिंटआउट बीईओ को जबकि हाईस्कूल व प्लसटू डीईओ को भेजेंगे। दोनों स्तर के अफसर इन्हें सत्यापित करेंगे।
सारास न्यूज टीम, पटना।
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा संचालित साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति समेत सभी योजनाओं का लाभ लेने की लिए छात्र-छात्राओं की 75 हाजरी फिर से अनिवार्य हो गयी है। यह मौजूदा शैक्षिक सत्र 2022-23 से ही पुनप्रभावी कर दी गई है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसको लेकर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है। गौर हो कि कोरोना संक्रमण के चलते लम्बी चली स्कूलबंदी के दौरान बिहार सरकार ने इसमें छूट दी थी। शीर्ष स्तर से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद दो-तीन साल योजनाओं का लाभ देने में इस पैमाने को नजर अंदाज किया गया था। इस साल उन्हीं विद्यार्थियों को सरकारी योजनाओं की राशि मिल पाएगी जो कक्षा में कम से कम 75 फीसदी दिन मौजूद रहे होंगे।
विदित हो कि शिक्षा विभाग वित्तीय वर्ष 2019-20 से योजनाओं की राशि सीधे लाभुकों के खाते में अंतरित (डैरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) करता है। इसके लिए विभाग ने सरकारी विद्यालयों में पहली से लेकर 12वीं तक में नामांकित सभी छात्र-छात्राओं के डाटा की इंट्री और उनकी 75 फीसदी उपस्थिति के सत्यापन के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (स्टैंडर्ड अपरेटिंग प्रोसिजर) बना रखी है। एनआईसी द्वारा मेधा साफ्ट नामक एक साफ्टवेयर इसके लिए विकसित है। सभी नामांकितों के ब्यौरे इसपर अपलोड करने होते हैं।
शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सह डीबीटी कोषांग के नोडल पदाधिकारी मनोज कुमार ने मेधा सॉफ्ट पोर्टल पर मौजूदा शैक्षिक सत्र के छात्रों का डाटा इंट्री करने को लेकर जिलों को निर्देश दिया है। स्कूल प्रधान अपने छात्रों की इसपर इंट्री 30 सितम्बर तक पूर्ण करेंगे। 5 अक्टूबर तक इस पोर्टल पर दर्ज सभी छात्र-छात्रा की 75 फीसदी हाजरी को लेकर ‘यस’ या ‘नो’ दर्ज करना होगा। प्रारंभिक स्कूल इसका एक प्रिंटआउट बीईओ को जबकि हाईस्कूल व प्लसटू डीईओ को भेजेंगे। दोनों स्तर के अफसर इन्हें सत्यापित करेंगे।
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