सारस न्यूज, बिहार।
राजद प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ सीबीआई ने भ्रष्टाचार से जुड़े एक पूर्व के मामले को फिर से खोल दिया है। सूत्रों के मुताबिक रेल मंत्री कार्यकाल में लालू पर मुंबई के बांद्रा और नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के जीर्णोद्धार के एवज में ठेका लेने वाली डीएलएफ कंपनी से रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआई ने 2018 में यह केस दर्ज किया था। मगर तीन साल की जांच के बाद 2021 में इस केस को बंद कर दिया गया था। सीबीआई ने एक बार फिर इस केस को रीओपेन किया है। इस मामले में लालू प्रसाद के अलावा तेजस्वी प्रसाद यादव और उनकी बहनें चंदा व रागिनी यादव के भी नाम हैं। हालांकि, इस संबंध में सीबीआई की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है।
क्या है पूरा मामला
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक यह मामला रेलवे प्रोजेक्ट्स के आवंटन में भ्रष्टाचार से जुड़ा है। इस केस में लालू प्रसाद पर रेल मंत्री होते हुए रेलवे की जमीन को लीज पर देने के बदले रिश्वत लेने का आरोप है। आरोप है कि मुंबई के बांद्रा में रेल की जमीन को लीज पर देने और नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के सुधार के काम को देने के एवज में लालू को रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ ग्रुप की तरफ से दिल्ली में एक प्रॉपर्टी बतौर रिश्वत के तौर पर दी गयी थी।
जॉब फॉर लैंड मामले में पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है सीबीआई
इसके पहले सीबीआई ने लालू प्रसाद के खिलाफ अक्तूबर महीने में लैंड फॉर जॉब मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। चार्जशीट में सीबीआई ने लालू प्रसाद के अलावा पूर्व सीएम राबड़ी देवी और 14 अन्य को आरोपी बनाया है। इस मामले की सुनवाई चल रही है और लालू फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े पांच मामलों में सजा हो चुकी है और तीन मामले में सुनवाई चल रही है।