• Sat. Dec 13th, 2025

Saaras News - सारस न्यूज़ - चुन - चुन के हर खबर, ताकि आप न रहें बेखबर

सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद, पटना हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपियों को तुरंत सजा सुनाने वाले अररिया के जज शशिकांत राय का निलंबन लिया वापस।

सारस न्यूज़ टीम, वेब डेस्क, सारस न्यूज़।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पटना हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के तहत बच्चों को तुरंत इंसाफ दिलाने वाले जज का निलंबन वापस ले लिया है। अररिया के एडीजी रहे शशिकांत राय को इस साल फरवरी में निलंबित कर दिया गया था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निलंबन के आदेश पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि जब तक किसी जज के खिलाफ दुर्भावना या भ्रष्टाचार जैसा कुछ स्पष्ट कारण न हो ,तब उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।

बिहार के अररिया में पॉक्सो स्पेशल कोर्ट में तैनात रहने के दौरान जज शशिकांत राय ने कई मामलों का स्पीडी ट्रायल किया था। पिछले साल उन्होंने महज एक दिन में पॉक्सो एक्ट के एक मामले में फैसला सुना दिया और रेप के आरोपी को उम्रकैद की सजा हुई। इसके अलावा एक अन्य मामले में उन्होंने महज चार दिन में फैसला सुनाते हुए एक आरोपी को पॉक्सो एक्ट के तहत फांसी की सजा सुनाई थी।

पटना हाईकोर्ट के संज्ञान में जब ये मामला आया तो उन्होंने तुरंत जज शशिकांत राय को निलंबित कर दिया। मगर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निलंबन के आदेश पर नाराजगी जताई। 8 अगस्त को शीर्ष अदालत के जस्टिस यूयू ललित और एस रविंद्र भट्ट की बेंच ने कहा कि जब तक किसी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार और दुर्भावना का स्पष्ट कारण न हो, तब तक उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। ज्यादा से ज्यादा आप यह कह सकते हैं कि वह ज्यादा उत्साही अधिकारी हैं। आखिरकार यह संस्था का मामला है, जब किसी न्यायायिक अधिकारी के खिलाफ कुछ कहा जाता है तो उसका असर संस्था पर पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इससे ये संदेश जाएगा कि न्याय देने वाले को ही दंडित किया जा रहा है। SC ने पटना हाईकोर्ट को अपने फैसले पर फिर से विचार करने के लिए 10 दिन का समय दिया था।

आपको बताते चले की – शशिकांत राय 2007 में बिहार न्यायिक सेवा से जुड़े थे। उनका अच्छा अकादमिक और प्रोफेशनल बैकग्राउंड रहा है। 2014 में उनका सिविल जज और फिर 2018 में जिला जज के पद पर प्रमोशन हुआ था। जब उन्हें पॉक्सो कोर्ट की जिम्मेदारी मिली तो उन्होंने बच्चों से यौन शोषण से जुड़े कई मामलों का जल्दी ट्रायल किया और आरोपियों को सजा दिलाई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *