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25 जुलाई को कटिहार और भागलपुर सहित पूरे बिहार में कई स्थानों पर किया जाएगा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेले का आयोजन।

सारस न्यूज, वेब डेस्क।

प्रशिक्षुता मेला के माध्यम से अभी तक 67,035 प्रशिक्षुता प्रशिक्षण प्रस्ताव दिए गए हैं।

रोजगार अवसरों को बढ़ावा देने के लिए मेला में 36+ उद्योग, 500+ ट्रेड और 1000+ व्यवसाय शामिल होंगे।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय रोजगार के अवसरों और व्यावहारिक प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री कौशल भारत मिशन के हिस्से के रूप में 11 जुलाई 2022 (12 जुलाई कर्नाटक, 18 जुलाई जम्मू कश्मीर, 25 जुलाई बिहार, 20 जुलाई से 22 जुलाई मध्यप्रदेश) को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेला का आयोजन करेगा। अभी तक, 1,88,410 आवेदकों ने प्रशिक्षुता मेले में भाग लिया है और आज तक प्लेटफॉर्म पर 67,035 प्रशिक्षुता प्रस्‍ताव दिए जा चुके हैं। इस एक दिवसीय कार्यक्रम में 36 सेक्टर और 1,000 से अधिक कंपनियां और 500 अलग-अलग प्रकार के ट्रेड शामिल होंगे। एमएसडीई 200 से अधिक स्थानों पर इस कार्यक्रम का आयोजन करेगा, जिससे आवेदकों को प्रशिक्षुता प्रशिक्षण के माध्यम से अपने करियर को आकार देने का अवसर मिलेगा।

भाग लेने के लिए उम्मीदवारों के पास 5वीं से 12वीं तक के उत्तीर्ण होने संबंधी प्रमाणपत्र, कौशल प्रशिक्षण प्रमाणपत्र, आईटीआई डिप्लोमा या स्नातक डिग्री होनी चाहिए। इसके अतिरिक्‍त, युवा और आकांक्षी कार्यबल वेल्डिंग, इलेक्ट्रिकल वर्क, हाउसकीपिंग, ब्यूटीशियन, मैकेनिक वर्क आदि जैसे 500 से अधिक ट्रेडों का चयन करने में सक्षम होंगे। उम्मीदवार प्रशिक्षण के बाद अपनी रोजगार क्षमता में सुधार लाते हुए राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) से मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र भी प्राप्‍त करेंगे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कंपनियों को अधिक प्रशिक्षुओं को नियुक्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है, साथ ही प्रशिक्षण और व्यावहारिक कौशल के माध्यम से नियोक्ताओं को उनकी क्षमता का पता लगाने और विकसित करने में भी मदद करना है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेला पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि प्रशिक्षुता मेला देश भर में प्रतिभाशाली व्यक्तियों के लिए रोजगार का अतिरिक्त अवसर उपलब्‍ध कराएगा। जहां इन कार्यक्रमों का प्राथमिक उद्देश्य अधिक प्रशिक्षुओं की भर्ती करना है, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस तरह की प्रशिक्षुता व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए आवश्यक हैं, जैसा कि हम यहां के लिए प्रयत्‍न कर रहे हैं। इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा था, जैसा कि देश भर में प्रशिक्षुता की बढ़ती संख्या और उनके सफल निष्पादन से प्रदर्शित होता है।”

कौशल विकास के तहत प्रशिक्षुता सबसे टिकाऊ मॉडल है और स्किल इंडिया के तहत इसे व्‍यापक रूप से बढ़ावा मिल रहा है। हाल ही में प्रशिक्षुओं के पहले समूह को राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना (एनएपीएस) के तहत प्रत्यक्ष लाभार्थी हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से उनके खातों में वजीफा सब्सिडी प्राप्त हुई है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेलों में भाग लेने वाली कंपनियां एक ही मंच पर संभावित प्रशिक्षुओं से मिल सकती हैं और उसी स्‍थान पर आवेदकों का चयन भी कर सकती हैं। इसके अतिरिक्‍त, कम-से-कम चार कर्मचारियों वाले छोटे स्‍तर के उद्यम कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षुओं को नियुक्त कर सकते हैं। भविष्य के शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षार्थियों द्वारा एकत्र किए गए विभिन्न क्रेडिट के जमाकर्ताओं के साथ शीघ्र ही एक क्रेडिट बैंक आइडिया भी जोड़ा जाएगा।

प्रत्‍येक महीने, प्रशिक्षुता मेला आयोजित किया जाएगा जिसमें चयनित व्यक्तियों को नए कौशल प्राप्त करने के लिए सरकारी मानदंडों के अनुसार मासिक वजीफा प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें सीखने के दौरान आय अर्जित करने का अवसर प्राप्‍त होगा। प्रशिक्षुओं के वजीफे का भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा।https://dgt.gov.in/appmela2022/ या https://www.apprenticeshipindia.gov.in/ पर विजिट कर मेले के लिए पंजीकरण कराया जा सकता है और मेला के निकटतम स्थान का पता लगा सकते हैं।

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