22 मार्च चैत्र नवरात्रि के 9 दिन में से 4 तिथियों पर कुल 8 विशेष योग जा रहे हैं बनने, प्रतिपदा और द्वितीय पर तीन-तीन योग बनेंगे इसके अलावा तृतीय और अष्टमी तिथि पर भी बन रहा है एक योग।
हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्योहारों की विशेष मान्यता और महत्व होता है। साल भर में कुल 4 नवरात्रे पड़ते हैं इनमें से शारदीय नवरात्र और चैत्र नवरात्र खास महत्व रखते हैं। इस वर्ष 2023 में चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है. जो 30 मार्च तक चलेगी। चैत्र नवरात्रि शुरू होने के साथ ही नया हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत भी शुरू हो जाएगा। नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त के साथ नवरात्रि का प्रारंभ होता है। इस बात चैत्र नवरात्रि पर कुछ शुभ मुहूर्त और योग बन रहे हैं। इस बारे में ज्यादा जानकारी दे रहे।
बन रहे 8 शुभ योग
माता गौरी के 9 रूपों की आराधना करने वाले इन विशेष नवरात्रों के कालखंड के प्रथम दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से भारतीय विक्रम संवत 2080 का प्रारंभ होगा। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 21 मार्च को रात 10:52 से 22 मार्च को रात 8:20 तक रहने वाली है। इसके बाद उदया तिथि के अनुसार नवरात्र 22 मार्च से प्रारंभ हो जाएंगे। नवरात्रि के प्रारंभ के समय में उत्तर भाद्रपद नक्षत्र रहेगा। हिंदू धर्म शास्त्रों में इस नक्षत्र को ज्ञान खुशी और सौभाग्य का सूचक माना गया है। ये सूर्योदय से लेकर दोपहर 3:32 तक रहने वाला है। इस नक्षत्र के स्वामी शनि और राशि स्वामी गुरु है।
सारस न्यूज, बिहार।
हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्योहारों की विशेष मान्यता और महत्व होता है। साल भर में कुल 4 नवरात्रे पड़ते हैं इनमें से शारदीय नवरात्र और चैत्र नवरात्र खास महत्व रखते हैं। इस वर्ष 2023 में चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है. जो 30 मार्च तक चलेगी। चैत्र नवरात्रि शुरू होने के साथ ही नया हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत भी शुरू हो जाएगा। नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त के साथ नवरात्रि का प्रारंभ होता है। इस बात चैत्र नवरात्रि पर कुछ शुभ मुहूर्त और योग बन रहे हैं। इस बारे में ज्यादा जानकारी दे रहे।
बन रहे 8 शुभ योग
माता गौरी के 9 रूपों की आराधना करने वाले इन विशेष नवरात्रों के कालखंड के प्रथम दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से भारतीय विक्रम संवत 2080 का प्रारंभ होगा। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 21 मार्च को रात 10:52 से 22 मार्च को रात 8:20 तक रहने वाली है। इसके बाद उदया तिथि के अनुसार नवरात्र 22 मार्च से प्रारंभ हो जाएंगे। नवरात्रि के प्रारंभ के समय में उत्तर भाद्रपद नक्षत्र रहेगा। हिंदू धर्म शास्त्रों में इस नक्षत्र को ज्ञान खुशी और सौभाग्य का सूचक माना गया है। ये सूर्योदय से लेकर दोपहर 3:32 तक रहने वाला है। इस नक्षत्र के स्वामी शनि और राशि स्वामी गुरु है।
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