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गुस्साए भाई ने तलवार से भाई का हाथ काटा, कोर्ट ने दी 7 साल की सज़ा।

सारस न्यूज़, अररिया।

सोमवार को न्यायमंडल अररिया के एडीजे-04 न्यायालय के न्यायाधीश रवि कुमार की अदालत ने एक वर्ष पूर्व तलवार से प्रहार कर हाथ काटने के मामले में दोषी पाए गए जिले के बैरगाछी थाना अंतर्गत वार्ड 10 स्थित भंगिया निवासी 36 वर्षीय मोहम्मद सफीक, पिता स्वर्गीय सिद्दीक, को 7 साल सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई।

आरोपी और पीड़ित दोनों भाई हैं।

सज़ा के साथ ही आरोपी को 50 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की राशि जमा न करने पर आरोपी को छह माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। यह जुर्माने की राशि पीड़ित रफीक को दी जाएगी।

यह सजा एसटी 46/2024 में सुनाई गई।

सरकारी पक्ष की ओर से एपीपी प्रभा कुमारी मंडल ने बताया कि 21 अगस्त 2023 को दोपहर 2 बजे आरोपी सफीक अपने भाई रफीक के घर आया और विवाद के बाद तलवार से रफीक के गर्दन पर प्रहार कर दिया। रफीक ने अपनी गर्दन बचाने के लिए हाथ से रोका, जिससे उसका दाहिना हाथ बुरी तरह जख्मी हो गया।

जख्मी हालत में रफीक को उसके परिजन थाना लाए, जहाँ पुलिस पदाधिकारी ने तुरंत इलाज कराने की सलाह दी। रफीक का इलाज सदर अस्पताल अररिया में हुआ, जहाँ से उसे पूर्णिया रेफर किया गया। बेहतर इलाज के लिए रफीक को पटना के पीएमसीएच भेजा गया, जहाँ डॉक्टर ने बताया कि रफीक का हाथ जोड़ा नहीं जा सकता।

घटना के बाद, अररिया बस्ती वार्ड 10 भंगिया निवासी पीड़ित रफीक के पुत्र मोहम्मद मसाक ने 2 सितंबर 2023 को अपने चाचा आरोपी मोहम्मद सफीक के विरुद्ध जानलेवा हमले का आवेदन बैरगाछी थाना में दिया। इस पर अररिया (बैरगाछी) थाना कांड संख्या 858/23 दर्ज की गई।

कोर्ट में आइओ द्वारा 24 अक्टूबर 2023 को आरोप पत्र समर्पित किया गया। इसके बाद 4 नवंबर 2023 को आरोपी के विरुद्ध न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए कमिटमेंट कर ट्रायल के लिए सेशन कोर्ट भेजा। सेशन कोर्ट में अंततः जिला जज ने मुकदमा चलाने के लिए एडीजे न्यायालय में रिकॉर्ड को स्थानांतरित किया। एडीजे न्यायालय के न्यायाधीश ने 13 फरवरी 2024 को आरोपी के विरुद्ध आरोप गठन किया और 16 मई 2024 से साक्ष्य प्रारंभ हुए।

महज़ ढाई महीने में अभियोजन पक्ष ने सभी गवाहों को प्रस्तुत किया, जिन्होंने घटना का पूर्ण समर्थन किया। गवाहों के बयान से संतुष्ट होकर न्यायाधीश रवि कुमार ने आरोपी को दोषी पाया।

सज़ा के बिंदु पर एपीपी प्रभा कुमारी मंडल ने अधिकतम सज़ा देने की प्रार्थना की, जबकि बचाव पक्ष के लीगल एड डिफेन्स कौंसिल के डिप्युटी चीफ सोहन लाल ठाकुर (अधिवक्ता) ने न्यूनतम सज़ा की गुहार लगाई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश रवि कुमार ने आरोपी की सज़ा मुकर्रर की।


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