बिहार सरकार के उद्योग विभाग और जीविका के संयुक्त प्रयास से राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय, किशनगंज के ऑडिटोरियम में “बिहार आइडिया फेस्टिवल 2025” का आयोजन उत्साहपूर्वक किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जिले के युवाओं, कारीगरों, विद्यार्थियों और ग्रामीण नवाचारियों को स्टार्टअप एवं उद्यमिता के लिए प्रेरित करना और उन्हें बिहार स्टार्टअप नीति 2025 के तहत मिलने वाली सुविधाओं से परिचित कराना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। जिले और राज्य के प्रमुख अतिथियों ने युवाओं को स्टार्टअप की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया और अपने विचार साझा किए।
मुख्य वक्ताओं के विचार राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. भगवान श्रीराम ने कहा, “बिहार के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, केवल सही दिशा और संसाधनों की जरूरत है। यह फेस्टिवल उन्हें अपने नवाचार को व्यवसाय में बदलने का मंच देता है।”
अमित कुमार, सहायक निदेशक, उद्योग विभाग ने बताया कि सरकार युवाओं के नए विचारों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनमें ₹10 लाख तक का ब्याज मुक्त सीड फंड और 3 साल तक मेंटरशिप एवं ट्रेनिंग जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
अनिल कुमार मंडल, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, किशनगंज ने कहा कि जिले के कारीगरों, किसानों और महिलाओं के पारंपरिक हुनर को आधुनिक बाजार से जोड़कर स्टार्टअप में बदलना जरूरी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि DIC हर स्तर पर स्टार्टअप्स की मदद करेगा।
अनुराधा चंद्रा, जिला परियोजना प्रबंधक, जीविका ने बताया कि महिलाओं को उद्यमिता की ओर बढ़ाने के लिए “Startup Didi” अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत महिलाएं समूहों के माध्यम से उत्पाद और सेवाएं विकसित कर रही हैं।
स्टार्टअप सेल के फैकल्टी इंचार्ज प्रो. देवानंद पटेल ने छात्रों के बीच स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में कॉलेज की पहल पर प्रकाश डाला। वहीं मुकेश कुमार (SSU) ने पोर्टल पर आइडियाज सबमिट करने की प्रक्रिया समझाई।
कार्यक्रम में सहभागिता इस फेस्टिवल में महाविद्यालय के प्रोफेसरों, छात्रों, स्थानीय कारीगरों, महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों और युवा नवप्रवर्तकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त किया।
सारस न्यूज़, किशनगंज।
बिहार सरकार के उद्योग विभाग और जीविका के संयुक्त प्रयास से राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय, किशनगंज के ऑडिटोरियम में “बिहार आइडिया फेस्टिवल 2025” का आयोजन उत्साहपूर्वक किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जिले के युवाओं, कारीगरों, विद्यार्थियों और ग्रामीण नवाचारियों को स्टार्टअप एवं उद्यमिता के लिए प्रेरित करना और उन्हें बिहार स्टार्टअप नीति 2025 के तहत मिलने वाली सुविधाओं से परिचित कराना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। जिले और राज्य के प्रमुख अतिथियों ने युवाओं को स्टार्टअप की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया और अपने विचार साझा किए।
मुख्य वक्ताओं के विचार राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. भगवान श्रीराम ने कहा, “बिहार के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, केवल सही दिशा और संसाधनों की जरूरत है। यह फेस्टिवल उन्हें अपने नवाचार को व्यवसाय में बदलने का मंच देता है।”
अमित कुमार, सहायक निदेशक, उद्योग विभाग ने बताया कि सरकार युवाओं के नए विचारों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनमें ₹10 लाख तक का ब्याज मुक्त सीड फंड और 3 साल तक मेंटरशिप एवं ट्रेनिंग जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
अनिल कुमार मंडल, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, किशनगंज ने कहा कि जिले के कारीगरों, किसानों और महिलाओं के पारंपरिक हुनर को आधुनिक बाजार से जोड़कर स्टार्टअप में बदलना जरूरी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि DIC हर स्तर पर स्टार्टअप्स की मदद करेगा।
अनुराधा चंद्रा, जिला परियोजना प्रबंधक, जीविका ने बताया कि महिलाओं को उद्यमिता की ओर बढ़ाने के लिए “Startup Didi” अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत महिलाएं समूहों के माध्यम से उत्पाद और सेवाएं विकसित कर रही हैं।
स्टार्टअप सेल के फैकल्टी इंचार्ज प्रो. देवानंद पटेल ने छात्रों के बीच स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में कॉलेज की पहल पर प्रकाश डाला। वहीं मुकेश कुमार (SSU) ने पोर्टल पर आइडियाज सबमिट करने की प्रक्रिया समझाई।
कार्यक्रम में सहभागिता इस फेस्टिवल में महाविद्यालय के प्रोफेसरों, छात्रों, स्थानीय कारीगरों, महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों और युवा नवप्रवर्तकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त किया।
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