शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, ठाकुरगंज।
बिहार में ऑनलाइन गेमिंग की बढ़ती समस्या और इसके खतरनाक प्रभावों को उजागर करती है। रिपोर्ट के अनुसार, बिहार देश में ऑनलाइन गेम खेलने में पहले स्थान पर है, जहां 78.65% किशोर नियमित रूप से ऑनलाइन गेम खेलते हैं, खासकर 7 से 17 वर्ष की आयु के बच्चे। इन बच्चों में से कई 7 से 8 घंटे हर दिन गेमिंग में बिताते हैं।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि गेमिंग की लत के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, उनकी सेहत पर नकारात्मक असर हो रहा है, और कई बच्चे तनाव और वित्तीय समस्याओं में फंस रहे हैं। लगभग 48% बच्चे कर्ज में डूब चुके हैं और 20% बच्चों की परीक्षाएं छूट गई हैं। गेमिंग की वजह से बच्चों में शारीरिक समस्याएं जैसे कमर, सिर और कंधे में दर्द भी देखा गया है।
रिपोर्ट में गेम्स जैसे “ब्लू व्हेल चैलेंज”, “चोकिंग गेम”, “टाइड पॉड चैलेंज” जैसी खतरनाक गतिविधियों का जिक्र किया गया है, जिनसे बच्चों को बचाने की सख्त जरूरत है। यह समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि 45% से अधिक बच्चे काउंसलर के पास पहुंच चुके हैं।
रिपोर्ट में अभिभावकों के लिए सुझाव दिए गए हैं कि वे अपने बच्चों को इंटरनेट से दूर रखें, खतरनाक ऑनलाइन गेम्स की जानकारी दें, और बच्चों को आउटडोर गतिविधियों के लिए प्रेरित करें।