पटना: नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के विकास को रफ़्तार देने के लिए कई बड़े कदमों की घोषणा की है। मंगलवार को उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर स्पष्ट किया कि आने वाले वर्षों में बिहार में उद्योगों और रोजगार दोनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता हमेशा युवाओं को अधिक से अधिक नौकरी और रोज़गार उपलब्ध कराना रही है। सात निश्चय-2 के तहत 2020 से 2025 के बीच 50 लाख युवाओं को रोजगार मिला है। अब आने वाले पाँच वर्षों (2025–2030) में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य तय किया गया है। नीतीश कुमार ने कहा कि नई सरकार बनते ही उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बिहार को नई प्रौद्योगिकी और सेवा आधारित न्यू ऐज इकोनॉमी के रूप में विकसित करने की योजना बन रही है। इसके लिए बिहार से जुड़े बड़े उद्यमियों और विशेषज्ञों के सुझाव लेकर नई नीतियां बनाई जाएँगी। उन्होंने कहा कि राज्य को एक वैश्विक बैक-एंड हब और ग्लोबल वर्कप्लेस के रूप में स्थापित करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है, जिस पर अर्थशास्त्रियों और विभिन्न विभागों के अधिकारी मिलकर काम करेंगे।बिहार में टेक हब, डिफेंस कॉरिडोर और फिनटेक सिटी की तैयारीसीएम के मुताबिक युवाओं की बड़ी आबादी बिहार की ताकत है। इसी क्षमता का उपयोग करते हुए राज्य को पूर्वी भारत के सबसे बड़े टेक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
राज्य में अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार मिले, ये शुरू से ही हमलोगों की प्राथमिकता रही है। सात निश्चय-2 के तहत वर्ष 2020-25 के बीच राज्य में 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार दिया गया है। अगले 5 वर्षों (2025-30) में हमलोगों ने 1 करोड़ युवाओं को नौकरी एवं…
जैसी बड़ी परियोजनाओं की स्थापना की जाएगी और पूरे बिहार में उद्योगों का एक व्यापक नेटवर्क विकसित होगा।चीनी मिलों को पुनर्जीवित करने की योजना भी तैयारनीतीश कुमार ने बताया कि राज्य में नई चीनी मिलें स्थापित करने और बंद पड़ी मिलों को फिर से चालू करने की योजना बनाई गई है। साथ ही शहरों के विकास के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन की स्थापना की जाएगी।उन्होंने कहा कि इन सभी योजनाओं पर तेजी से कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति गठित कर दी गई है, जो उद्योगों और रोजगार से जुड़ी सभी परियोजनाओं की निगरानी करेगी।मुख्यमंत्री ने कहा, “बिहार ने पिछले वर्षों में औद्योगिक विकास की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। नई सरकार इस गति को दोगुनी ताकत के साथ आगे बढ़ाएगी। हम जो काम शुरू करते हैं, उसे पूरा भी करते हैं।”
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
पटना: नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के विकास को रफ़्तार देने के लिए कई बड़े कदमों की घोषणा की है। मंगलवार को उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर स्पष्ट किया कि आने वाले वर्षों में बिहार में उद्योगों और रोजगार दोनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता हमेशा युवाओं को अधिक से अधिक नौकरी और रोज़गार उपलब्ध कराना रही है। सात निश्चय-2 के तहत 2020 से 2025 के बीच 50 लाख युवाओं को रोजगार मिला है। अब आने वाले पाँच वर्षों (2025–2030) में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य तय किया गया है। नीतीश कुमार ने कहा कि नई सरकार बनते ही उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बिहार को नई प्रौद्योगिकी और सेवा आधारित न्यू ऐज इकोनॉमी के रूप में विकसित करने की योजना बन रही है। इसके लिए बिहार से जुड़े बड़े उद्यमियों और विशेषज्ञों के सुझाव लेकर नई नीतियां बनाई जाएँगी। उन्होंने कहा कि राज्य को एक वैश्विक बैक-एंड हब और ग्लोबल वर्कप्लेस के रूप में स्थापित करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है, जिस पर अर्थशास्त्रियों और विभिन्न विभागों के अधिकारी मिलकर काम करेंगे।बिहार में टेक हब, डिफेंस कॉरिडोर और फिनटेक सिटी की तैयारीसीएम के मुताबिक युवाओं की बड़ी आबादी बिहार की ताकत है। इसी क्षमता का उपयोग करते हुए राज्य को पूर्वी भारत के सबसे बड़े टेक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
राज्य में अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार मिले, ये शुरू से ही हमलोगों की प्राथमिकता रही है। सात निश्चय-2 के तहत वर्ष 2020-25 के बीच राज्य में 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार दिया गया है। अगले 5 वर्षों (2025-30) में हमलोगों ने 1 करोड़ युवाओं को नौकरी एवं…
जैसी बड़ी परियोजनाओं की स्थापना की जाएगी और पूरे बिहार में उद्योगों का एक व्यापक नेटवर्क विकसित होगा।चीनी मिलों को पुनर्जीवित करने की योजना भी तैयारनीतीश कुमार ने बताया कि राज्य में नई चीनी मिलें स्थापित करने और बंद पड़ी मिलों को फिर से चालू करने की योजना बनाई गई है। साथ ही शहरों के विकास के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन की स्थापना की जाएगी।उन्होंने कहा कि इन सभी योजनाओं पर तेजी से कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति गठित कर दी गई है, जो उद्योगों और रोजगार से जुड़ी सभी परियोजनाओं की निगरानी करेगी।मुख्यमंत्री ने कहा, “बिहार ने पिछले वर्षों में औद्योगिक विकास की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। नई सरकार इस गति को दोगुनी ताकत के साथ आगे बढ़ाएगी। हम जो काम शुरू करते हैं, उसे पूरा भी करते हैं।”
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