सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार अपने दो चुनाव आयोग के सदस्यों के साथ 4 और 5 अक्टूबर को पटना का दौरा करेंगे। माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा इनकी यात्रा के दौरान या उसके तुरंत बाद की जा सकती है।
क्या है इस दौरे का महत्व?
इस दौरे के दौरान चुनाव आयोग की केंद्रीय पर्यवेक्षकों की एक अहम बैठक दिल्ली के द्वारका स्थित IIIDEM में शुक्रवार को आयोजित की गई है, जिसमें सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षक शामिल होंगे। आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव एवं आठ राज्यों की उपचुनाव प्रक्रिया की निगरानी के लिए 470 केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं।
कितने और कौन से पर्यवेक्षक होंगे तैनात?
- 320 अधिकारी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से
- 60 अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा (IPS) से
- 90 अधिकारी अन्य सेवाओं जैसे भारतीय राजस्व सेवा (IRS), भारतीय रेलवे लेखा सेवा (IRAS) व भारतीय नागरिक लेखा सेवा (ICAS) से नियुक्त किए गए हैं
- ये सभी अधिकारी बिहार के निर्वाचन समेत जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, झारखंड, तेलंगाना, पंजाब, मिजोरम और ओडिशा के क्षेत्रों के उपचुनावों में भी तैनात रहेंगे।
विधानसभा का कार्यकाल कब हो रहा खत्म?
वर्तमान बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, ऐसे में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा आने वाले कुछ ही दिनों में होना लगभग तय है।
निष्कर्ष
मुख्य चुनाव आयुक्त का यह दौरा बिहार में चुनावी हलचल तेज करने वाला है और माना जा रहा है कि इससे चुनाव संबंधी तैयारियों को अंतिम रूप मिलेगा। जल्द ही सूबे में मतदान की तारीखों की औपचारिक घोषणा हो सकती है।