बिहार में भूमि सर्वेक्षण और दाखिल-खारिज से जुड़े मुद्दों पर हो रही अनियमितताओं ने राज्य के प्रशासन को चिंता में डाल दिया है। राजस्व और भूमि सुधार विभाग द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में यह खुलासा हुआ कि अंचल अधिकारी (CO) सरकार के निर्देशों का सही ढंग से पालन नहीं कर रहे हैं। दाखिल-खारिज के मामलों में मनमानी और आवेदनों को धड़ल्ले से अस्वीकृत करना एक बड़ी समस्या बन गई है। सीतामढ़ी, पटना,और बेगूसराय के अंचलों में सर्वाधिक अस्वीकृति के मामले पाए गए हैं।
बैठक में यह भी सामने आया कि कई अंचल अधिकारी परिमार्जन प्लस योजना के तहत दिए गए आवेदनों का निष्पादन नहीं कर रहे हैं। सरकार के प्रयासों के बावजूद दाखिल-खारिज और परिमार्जन के मामलों में लंबित आवेदनों की संख्या अधिक बनी हुई है। रोहतास, पटना और अन्य जिलों में लंबित मामलों की संख्या बेहद चिंताजनक है।
मंत्री दिलीप जायसवाल और अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने अंचल अधिकारियों को सुधारने के निर्देश दिए हैं और चेतावनी दी है कि अक्टूबर तक प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
बिहार में भूमि सर्वेक्षण और दाखिल-खारिज से जुड़े मुद्दों पर हो रही अनियमितताओं ने राज्य के प्रशासन को चिंता में डाल दिया है। राजस्व और भूमि सुधार विभाग द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में यह खुलासा हुआ कि अंचल अधिकारी (CO) सरकार के निर्देशों का सही ढंग से पालन नहीं कर रहे हैं। दाखिल-खारिज के मामलों में मनमानी और आवेदनों को धड़ल्ले से अस्वीकृत करना एक बड़ी समस्या बन गई है। सीतामढ़ी, पटना,और बेगूसराय के अंचलों में सर्वाधिक अस्वीकृति के मामले पाए गए हैं।
बैठक में यह भी सामने आया कि कई अंचल अधिकारी परिमार्जन प्लस योजना के तहत दिए गए आवेदनों का निष्पादन नहीं कर रहे हैं। सरकार के प्रयासों के बावजूद दाखिल-खारिज और परिमार्जन के मामलों में लंबित आवेदनों की संख्या अधिक बनी हुई है। रोहतास, पटना और अन्य जिलों में लंबित मामलों की संख्या बेहद चिंताजनक है।
मंत्री दिलीप जायसवाल और अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने अंचल अधिकारियों को सुधारने के निर्देश दिए हैं और चेतावनी दी है कि अक्टूबर तक प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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