मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गांधी सेतु होते हुए हाजीपुर पहुंचे और वहां बनाए गए बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण किया। उन्होंने राहत शिविर में रह रहे लोगों से बातचीत कर वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने वैशाली जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि सभी राहत शिविरों में रह रहे लोगों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए और स्थिति की लगातार मॉनिटरिंग की जाए।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जल संसाधन विभाग सतर्क रहे और लगातार स्थिति की निगरानी करे। निचले इलाकों में पानी बढ़ने पर संभावित परिस्थितियों पर नजर रखी जाए। उन्होंने जिलाधिकारी को सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए। साथ ही अभियंताओं से कहा कि वे पूरी तरह अलर्ट रहें और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर कैंप करें। आपदा प्रबंधन विभाग से कहा गया कि वे सतत अनुश्रवण करें और सुनिश्चित करें कि प्रभावित लोगों को एसओपी के तहत पूरी सहायता मिले, क्योंकि सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों और संबंधित विभागों को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं, जिनका अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाए। नाव संचालन, पॉलिथिन शीट्स, राहत सामग्री, दवा, पशुचारा, बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई, और फूड पैकेट्स की व्यवस्था पर ध्यान रखा जाए ताकि लोगों को तुरंत राहत मिल सके।
निरीक्षण के दौरान विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, सचिव अनुपम कुमार, सचिव कुमार रवि, विशेष पदाधिकारी गोपाल सिंह, वैशाली जिलाधिकारी यशपाल मीणा, वैशाली पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय, जल संसाधन विभाग के अभियंता और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सारस न्यूज़ , वेब डेस्क।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गांधी सेतु होते हुए हाजीपुर पहुंचे और वहां बनाए गए बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण किया। उन्होंने राहत शिविर में रह रहे लोगों से बातचीत कर वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने वैशाली जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि सभी राहत शिविरों में रह रहे लोगों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए और स्थिति की लगातार मॉनिटरिंग की जाए।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जल संसाधन विभाग सतर्क रहे और लगातार स्थिति की निगरानी करे। निचले इलाकों में पानी बढ़ने पर संभावित परिस्थितियों पर नजर रखी जाए। उन्होंने जिलाधिकारी को सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए। साथ ही अभियंताओं से कहा कि वे पूरी तरह अलर्ट रहें और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर कैंप करें। आपदा प्रबंधन विभाग से कहा गया कि वे सतत अनुश्रवण करें और सुनिश्चित करें कि प्रभावित लोगों को एसओपी के तहत पूरी सहायता मिले, क्योंकि सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों और संबंधित विभागों को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं, जिनका अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाए। नाव संचालन, पॉलिथिन शीट्स, राहत सामग्री, दवा, पशुचारा, बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई, और फूड पैकेट्स की व्यवस्था पर ध्यान रखा जाए ताकि लोगों को तुरंत राहत मिल सके।
निरीक्षण के दौरान विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, सचिव अनुपम कुमार, सचिव कुमार रवि, विशेष पदाधिकारी गोपाल सिंह, वैशाली जिलाधिकारी यशपाल मीणा, वैशाली पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय, जल संसाधन विभाग के अभियंता और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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