15 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के सीमांचल क्षेत्र में स्थित पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। यह ऐतिहासिक घटना न सिर्फ पूर्णिया बल्कि कोसी प्रमंडल और पूर्वी बिहार के लाखों लोगों के लिए बड़ी सौगात साबित होगी। सीमांचल क्षेत्र के लोगों को अब हवाई यात्रा के लिए दूर-दराज के शहरों जैसे पटना या बागडोगरा जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि पूर्णिया एयरपोर्ट से घरेलू उड़ानों की शुरुआत होगी।
इस एयरपोर्ट का नया टर्मिनल बिल्डिंग निर्माण कार्य अंतिम चरण में है, और उद्घाटन के साथ ही एयरपोर्ट आधिकारिक रूप से देश के हवाई मानचित्र पर दर्ज हो जाएगा। उद्घाटन के दिन स्टार एयरलाइंस की अहमदाबाद से पूर्णिया के बीच पहली सीधी उड़ान शुरू होगी, जो व्यापार और पर्यटन दोनों क्षेत्रों में नई संभावनाओं को जन्म देगी। इसके बाद कोलकाता, दिल्ली सहित अन्य प्रमुख शहरों के लिए भी उड़ान सेवाएं शुरू की जाएंगी।
पूर्णिया एयरपोर्ट की आधारशिला भारतीय वायु सेना ने 1963 में रखी थी, और यह एयरपोर्ट भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अंतर्गत संचालित होगा। मौजूदा रनवे की लंबाई 2800 मीटर है, जिसे सुरक्षित लैंडिंग के लिए आधुनिक कैट-2 लाइट्स से सजाया गया है। भविष्य में एयरपोर्ट का विस्तार कर स्थायी टर्मिनल, एप्रोन और कार्गो सुविधाओं का निर्माण भी किया जाएगा।
इस एयरपोर्ट के संचालन से न केवल यात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि क्षेत्र के व्यापार, रोजगार और आर्थिक विकास को भी मजबूती मिलेगी। यह जनता और प्रशासन के वर्षों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है, जिससे सीमांचल क्षेत्र हवाई कनेक्टिविटी के साथ समृद्धि की ओर बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री मोदी के इस उद्घाटन कार्यक्रम को क्षेत्रीय विकास में मील का पत्थर माना जा रहा है, जो सीमांचल की भौगोलिक अलगाव को कम करेगा और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री शीशाबाड़ी में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे, जहां यह नई उड़ान सेवाएं क्षेत्र की प्रगति का संदेश देंगी।
यह एयरपोर्ट न सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है, बल्कि सीमांचल क्षेत्र की आकांक्षाओं का प्रतीक भी है, जो अब पूरे देश से और विश्व से जुड़ने जा रहा है।
यह विकास सीमांचल के लोगों के लिए खुशी और उम्मीद की किरण लेकर आ रहा है, और आने वाले समय में इस क्षेत्र के लिए नए अवसरों के द्वार खोल रहा है।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
15 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के सीमांचल क्षेत्र में स्थित पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। यह ऐतिहासिक घटना न सिर्फ पूर्णिया बल्कि कोसी प्रमंडल और पूर्वी बिहार के लाखों लोगों के लिए बड़ी सौगात साबित होगी। सीमांचल क्षेत्र के लोगों को अब हवाई यात्रा के लिए दूर-दराज के शहरों जैसे पटना या बागडोगरा जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि पूर्णिया एयरपोर्ट से घरेलू उड़ानों की शुरुआत होगी।
इस एयरपोर्ट का नया टर्मिनल बिल्डिंग निर्माण कार्य अंतिम चरण में है, और उद्घाटन के साथ ही एयरपोर्ट आधिकारिक रूप से देश के हवाई मानचित्र पर दर्ज हो जाएगा। उद्घाटन के दिन स्टार एयरलाइंस की अहमदाबाद से पूर्णिया के बीच पहली सीधी उड़ान शुरू होगी, जो व्यापार और पर्यटन दोनों क्षेत्रों में नई संभावनाओं को जन्म देगी। इसके बाद कोलकाता, दिल्ली सहित अन्य प्रमुख शहरों के लिए भी उड़ान सेवाएं शुरू की जाएंगी।
पूर्णिया एयरपोर्ट की आधारशिला भारतीय वायु सेना ने 1963 में रखी थी, और यह एयरपोर्ट भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अंतर्गत संचालित होगा। मौजूदा रनवे की लंबाई 2800 मीटर है, जिसे सुरक्षित लैंडिंग के लिए आधुनिक कैट-2 लाइट्स से सजाया गया है। भविष्य में एयरपोर्ट का विस्तार कर स्थायी टर्मिनल, एप्रोन और कार्गो सुविधाओं का निर्माण भी किया जाएगा।
इस एयरपोर्ट के संचालन से न केवल यात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि क्षेत्र के व्यापार, रोजगार और आर्थिक विकास को भी मजबूती मिलेगी। यह जनता और प्रशासन के वर्षों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है, जिससे सीमांचल क्षेत्र हवाई कनेक्टिविटी के साथ समृद्धि की ओर बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री मोदी के इस उद्घाटन कार्यक्रम को क्षेत्रीय विकास में मील का पत्थर माना जा रहा है, जो सीमांचल की भौगोलिक अलगाव को कम करेगा और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री शीशाबाड़ी में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे, जहां यह नई उड़ान सेवाएं क्षेत्र की प्रगति का संदेश देंगी।
यह एयरपोर्ट न सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है, बल्कि सीमांचल क्षेत्र की आकांक्षाओं का प्रतीक भी है, जो अब पूरे देश से और विश्व से जुड़ने जा रहा है।
यह विकास सीमांचल के लोगों के लिए खुशी और उम्मीद की किरण लेकर आ रहा है, और आने वाले समय में इस क्षेत्र के लिए नए अवसरों के द्वार खोल रहा है।
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