पटना: लगातार चार दिनों से हो रही तेज बारिश ने पटना जिले के धनरूआ प्रखंड में तबाही मचा दी है। यहां की पांच नदियां—दर्दहा, करुआ, भुतही, बलदही और लोकाइन—उफान पर हैं, जिसके चलते करीब 24 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया और किसानों की 1600 एकड़ धान की फसल डूबकर बर्बाद हो गई।
बेहरामपुर, छठी, पभेड़ा और विजयपुरा समेत कई पंचायतों के लोग घरों से बाहर निकलने तक में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। खासकर विजयपुरा पंचायत के चार गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं, जहां ग्रामीणों का दैनिक जीवन ठप पड़ गया है। अमरपुरा, सिम्हरी, पिपरमा, नसरतपुर और रसुलपुर जैसे इलाकों में भी दर्जनों गांव पानी में डूब चुके हैं। सड़क संपर्क टूट गया है और लोग पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए जूझ रहे हैं।किसानों को सबसे बड़ा झटका धान की फसल को लेकर लगा है। दूसरी बार रोपी गई धान की पौधियां पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं। खेतों में सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है, जिससे ग्रामीणों की मेहनत और निवेश दोनों डूब गए।प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं।
अटापुर के पास तटबंध में आई दरार को ठीक करने के लिए अंचल अधिकारियों ने मरम्मती कार्य शुरू कराया है। वहीं, जिला पदाधिकारी डॉ. थियागराजन एस. एम. ने जल संसाधन विभाग के अभियंताओं और अन्य अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजकर तटबंध और बांधों की स्थिति का निरीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
पटना: लगातार चार दिनों से हो रही तेज बारिश ने पटना जिले के धनरूआ प्रखंड में तबाही मचा दी है। यहां की पांच नदियां—दर्दहा, करुआ, भुतही, बलदही और लोकाइन—उफान पर हैं, जिसके चलते करीब 24 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया और किसानों की 1600 एकड़ धान की फसल डूबकर बर्बाद हो गई।
बेहरामपुर, छठी, पभेड़ा और विजयपुरा समेत कई पंचायतों के लोग घरों से बाहर निकलने तक में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। खासकर विजयपुरा पंचायत के चार गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं, जहां ग्रामीणों का दैनिक जीवन ठप पड़ गया है। अमरपुरा, सिम्हरी, पिपरमा, नसरतपुर और रसुलपुर जैसे इलाकों में भी दर्जनों गांव पानी में डूब चुके हैं। सड़क संपर्क टूट गया है और लोग पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए जूझ रहे हैं।किसानों को सबसे बड़ा झटका धान की फसल को लेकर लगा है। दूसरी बार रोपी गई धान की पौधियां पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं। खेतों में सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है, जिससे ग्रामीणों की मेहनत और निवेश दोनों डूब गए।प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं।
अटापुर के पास तटबंध में आई दरार को ठीक करने के लिए अंचल अधिकारियों ने मरम्मती कार्य शुरू कराया है। वहीं, जिला पदाधिकारी डॉ. थियागराजन एस. एम. ने जल संसाधन विभाग के अभियंताओं और अन्य अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजकर तटबंध और बांधों की स्थिति का निरीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं।
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