बिहार का एक ऐसा जिला किशनगंज जो मुस्लिम बाहुल्य इलाका जैसे कहा जाता है। यहां ग्रामीणों के इलाज के लिए बने अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों मवेशियों को चराने के काम आ रहे हैं। जी हां आपने सही सुना किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड के ग्राम पंचायत कालपीर नयाटोला (बीबीगंज) में 1 करोड़ 1 लाख 50 हजार रुपया की लागत से बने अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र बदहाली के आंसू बहा रहा है। बिहार सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलता यह अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र लगभग 2 साल से अधिक समय हो चुका है। करोड़ की लागत से बना है यह अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र मगर इस अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र की सुध लेने अब तक ना कोई अधिकारी पहुंचे ना जिम्मेदार जनप्रतिनिधि पहुंचे। कहने के तो सरकार चेंज होती है डिपार्टमेंट चेंज होते हैं अधिकारी चेंज होते हैं मगर नहीं चेंज हुई तो बस कालपीर पंचायत की बदहाल व्यवस्था। करोड़ की लागत से बनकर तैयार अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का लाभ यहां की जनता को अब तक नहीं मिल पाया है। दिखावे के लिए तो बड़े बिल्डिंग बना कर रंगाई पुताई करके खड़ा कर दिया गया है मगर वह सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर पड़ा है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां से लगभग 30 से अधिक किलोमीटर की दूरी तय कर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ लेने के लिए जाना पड़ता है। कई मरीजों की तो इलाज के अभाव के कारण जान चली जाती है। सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर सिस्टम और अधिकारी ग्रामीणों के जान के साथ क्यों खिलवाड़ कर रहे हैं? आखिर क्यों सरकार का पैसा पानी की तरह बर्बाद हो रहा है? आखिर क्यों यहां के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा से वंचित रखा गया है? आखिर कब मिलेगी यहां ग्रामीणों के स्वास्थ्य सुविधा?
कालपीर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अमित कुमार बताते हैं कि उन्होंने अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र को लेकर जिला पदाधिकारी से लेकर कई अधिकारियों को अवगत कराया है मगर अब तक किसी ने एक नहीं सुनी, न विधायक ने सुनी ना यहां के सांसद ने सुना। वही इस संबंध में जब विधानसभा क्षेत्र के राजद विधायक अंजार नईमी से दूरभाष पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण बंद पड़ा हुआ था, मगर डॉक्टर और एएनएम को तो वहां पर रहना है प्रभारी से बात कर जल्द संचालित करने की कोशिश की जाएगी।
टेढ़ागाछ चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी कुंदन कुमार निखिल ने बताया कालपीर पंचायत में स्थित अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में डाटा ऑपरेटर, एएनएम, डॉक्टर एवं अन्य के नियुक्ति के लिए सिविल सर्जन को आवेदन लिखा गया है। भवन बनकर तैयार है मगर अब तक नियुक्ति नहीं होने के कारण अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र संचालित नहीं हो पा रही है। नियुक्ति स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से होनी है। इन सारे पहलुओं पर जब सिविल सर्जन किशनगंज से दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन स्विच ऑफ बताया गया। सवाल यह खड़े होते हैं कि आखिर इतनी लापरवाही स्वास्थ्य विभाग एवं जिला के अधिकारियों के द्वारा क्यों बढ़ती जा रही है। आखिर कब पंचायत के लोगों को मिलेगी स्वास्थ्य सुविधा?
शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज, किशनगंज।
बिहार का एक ऐसा जिला किशनगंज जो मुस्लिम बाहुल्य इलाका जैसे कहा जाता है। यहां ग्रामीणों के इलाज के लिए बने अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों मवेशियों को चराने के काम आ रहे हैं। जी हां आपने सही सुना किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड के ग्राम पंचायत कालपीर नयाटोला (बीबीगंज) में 1 करोड़ 1 लाख 50 हजार रुपया की लागत से बने अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र बदहाली के आंसू बहा रहा है। बिहार सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलता यह अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र लगभग 2 साल से अधिक समय हो चुका है। करोड़ की लागत से बना है यह अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र मगर इस अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र की सुध लेने अब तक ना कोई अधिकारी पहुंचे ना जिम्मेदार जनप्रतिनिधि पहुंचे। कहने के तो सरकार चेंज होती है डिपार्टमेंट चेंज होते हैं अधिकारी चेंज होते हैं मगर नहीं चेंज हुई तो बस कालपीर पंचायत की बदहाल व्यवस्था। करोड़ की लागत से बनकर तैयार अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का लाभ यहां की जनता को अब तक नहीं मिल पाया है। दिखावे के लिए तो बड़े बिल्डिंग बना कर रंगाई पुताई करके खड़ा कर दिया गया है मगर वह सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर पड़ा है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां से लगभग 30 से अधिक किलोमीटर की दूरी तय कर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ लेने के लिए जाना पड़ता है। कई मरीजों की तो इलाज के अभाव के कारण जान चली जाती है। सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर सिस्टम और अधिकारी ग्रामीणों के जान के साथ क्यों खिलवाड़ कर रहे हैं? आखिर क्यों सरकार का पैसा पानी की तरह बर्बाद हो रहा है? आखिर क्यों यहां के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा से वंचित रखा गया है? आखिर कब मिलेगी यहां ग्रामीणों के स्वास्थ्य सुविधा?
कालपीर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अमित कुमार बताते हैं कि उन्होंने अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र को लेकर जिला पदाधिकारी से लेकर कई अधिकारियों को अवगत कराया है मगर अब तक किसी ने एक नहीं सुनी, न विधायक ने सुनी ना यहां के सांसद ने सुना। वही इस संबंध में जब विधानसभा क्षेत्र के राजद विधायक अंजार नईमी से दूरभाष पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण बंद पड़ा हुआ था, मगर डॉक्टर और एएनएम को तो वहां पर रहना है प्रभारी से बात कर जल्द संचालित करने की कोशिश की जाएगी।
टेढ़ागाछ चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी कुंदन कुमार निखिल ने बताया कालपीर पंचायत में स्थित अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में डाटा ऑपरेटर, एएनएम, डॉक्टर एवं अन्य के नियुक्ति के लिए सिविल सर्जन को आवेदन लिखा गया है। भवन बनकर तैयार है मगर अब तक नियुक्ति नहीं होने के कारण अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र संचालित नहीं हो पा रही है। नियुक्ति स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से होनी है। इन सारे पहलुओं पर जब सिविल सर्जन किशनगंज से दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन स्विच ऑफ बताया गया। सवाल यह खड़े होते हैं कि आखिर इतनी लापरवाही स्वास्थ्य विभाग एवं जिला के अधिकारियों के द्वारा क्यों बढ़ती जा रही है। आखिर कब पंचायत के लोगों को मिलेगी स्वास्थ्य सुविधा?
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