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आगामी 5 से 8 जनवरी तक ठाकुरगंज के कुकुरबाघी में आयोजित होगी जिले की सुप्रसिद्ध मां भगवती माता मेला, तैयारी शुरु।

सारस न्यूज, किशनगंज।

ठाकुरगंज प्रखंड के पूर्वोत्तर दिशा में पश्चिम बंगाल राज्य के सीमा से सटे ग्राम पंचायत कुकुरबाघी के गन्धुगछ गांव में स्थित हिंदुओं के घोर आस्था की श्री मां भगवती माता मंदिर में पौष माह के पूर्णिमा के दिन 5 से 8 जनवरी तक चार दिवसीय मां भगवती की पूजा अर्चना धूमधाम से मनाई जाएगी। प्रखंड ठाकुरगंज अंतर्गत उक्त दैविक स्थान में लगनेवाली सुप्रसिद्ध माता भगवती मेला पिछले कई दशकों से श्रद्धालुओं के लिए आस्था के रुप में मान्यता बनी हुई हैं। माता मेला में अपनी मनोकामना पूरी होने पर अथवा मन्नतें मांगने के लिए भारी संख्या में नेपाल, बंगाल एवं स्थानीय लोग पहुंचते है। चार दिवसीय माता मेला पूजा आयोजन समिति के संरक्षक सह पूर्व मुखिया रविन्द्र चंद्र सिंह ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष बड़े धूमधाम से माता मेला का आयोजन किया जाएगा। मेला आयोजन को सफल बनाने के लिए गठित समिति द्वारा इसकी भव्य तैयारी शुरू कर दी गई।

मेले के आयोजन के लिए अनुमंडल दंडाधिकारी, किशनगंज से प्रशासनिक अनुमति ले ली गई है। अनुमंडल दंडाधिकारी, किशनगंज के निर्देशानुसार शांति एवं विधि व्यवस्था बनाए रखने हेतु पुलिस बल के प्रभारी दंडाधिकारी के रूप में कृषि समन्वयक जटाधर सिंह तथा विधि व्यवस्था संधारण हेतु वरीय प्रभारी दंडाधिकारी अंचल अधिकारी ओमप्रकाश भगत को प्रतिनियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी माता के मंदिर व परिसर का रंग-रोगन का कार्य शुरू कर दिया गया है। बंगाल के मूर्तिकारों के द्वारा मां भगवती की प्रतिमा बनाई जा रही है। ज्ञात हो कि स्थानीय लोगों द्वारा सन् 1940 ई. में 8 दशक पूर्व श्री मां भगवती माता पूजा व मेला की शुरुआत हुई थी जो जिले में सबसे बड़े मेले के रूप में प्रसिद्ध है। नेपाल, बंगाल व स्थानीय बिहार के लाखों श्रद्धालु मंदिर में माथा टेकते हैं और पूजन व दान कर पुण्य के भागी बनते है। ऐसा मानना है कि यहां माता का दर्शन कर जो भी मुरादें मांगी जाती है, वह अवश्य पूर्ण होती है। वहीं मां भगवती की पूजा करने वाले पुरोहित रामनाथ सिंह बताते है कि मां की पूजा पौष पूर्णिमा के दिन वेद- मंत्रोच्चारण के साथ शुरु की जाती है। भक्तों की मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त मां के चरण में फल-फूल व प्रसाद अर्पित करते है। पशु व पक्षियों का बलि का मंत्रोच्चारण होता है, लेकिन इनकी बलि नहीं दी जाती है। बूंद नदी के तट पर स्थित इस मंदिर परिसर में भव्य मेला लगता है जो लोगों के लिए काफ़ी आकर्षण का केन्द्र रहता है। साथ ही कमिटि द्वारा चार दिवसीय इस पूजन कार्यक्रम में नाटक मंडली को आमंत्रित किया जता है जो पारंपरिक नृत्य एवं गायन कौशल का प्रदर्शन करते हैं, जो यहाँ की अपनी व पुरानी परंपरा है। 82 वर्षो से चले आ रहे माता मेला के आयोजन को सफल बनाने में कमिटि के अध्यक्ष महेंद्र सिंह, सचिव हरेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष आसी लाल सिंह व सदस्य के रूप में रंजीत सिंह, मलीन सिंह, ज्योतिन सिंह, प्रवीण सिंह, पैक्स चैयरमेन रामसागर पासवान, मनोज महतो, अर्जुन महतो आदि अपनी सारी ऊर्जा लगाए हुए हैं।

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