सोमवार को बेसरबाटी पंचायत के चुरलीहाट माँझी स्थान में आदिवासी समुदाय के आगामी पर्व सोहराय को लेकर एक बैठक का आयोजन माँझी प्रगणा ऐवेन वैसी के जिलाध्यक्ष अर्जुन हेम्ब्रम की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में आदिवासी समुदाय का महापर्व सोहराय जो 9 जनवरी प्रारंभ होगा तथा उसका समापन 14 जनवरी को होगा। सोहराय पर्व को सफलता पूर्वक मनाने को लेकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन 9 जनवरी को चुरलीहाट माँझी स्थान में किया जाएगा जिसके मुख्य अतिथि जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक राज किशोर हांसदा व माध्यमिक बोर्ड के बड़ाबाबू टुकाय सोरेन होंगे।
बताते चलें कि आदिवासी बहुल्य इलाकों में इन दिनों सोहराय पर्व को लेकर लोग इसकी तैयारियां में जुट गए हैं। आदिवासी समाज के लोगों ने अपने घरों को सजाना शुरु कर दिया है। ग्रामीण इलाके में बने मिट्टी की दीवारों को मिट्टी से बने अलग-अलग रंगों से मनमोहक कलाकृतियां बनाने में लगे हैं। जिसे देखकर ऐसा लगता है कि किसी बड़े कलाकार ने इन्हें सजाया है। पांच दिनों तक मनाए जाने वाला यह पर्व प्रकृति, जल, हरियाली एवं कृषि से जुड़ा हुआ है। इस पर्व में मुख्यतः पशु, गाय व बैल की पूजा होती है। पशुओं को सजाकर उन्हें गांव-गांव घुमाया जाता है तथा पूजा-अर्चना भी की जाती है। माँझी परगना एवन वैसी के सचिव मुकेश हेम्ब्रम ने बताया कि इस पर्व में आदिवासी समुदाय के लोग अपने बहन व अन्य रिश्तेदारों को बुलाते हैं। महिलाओं व पुरुषों की टोली बांसुरी, ढोल, नगारा व मांदर बजाकर नृत्य कर अपनी खुशियों को बांटते हैं। मकर संक्रांति के दिन शिकार पर जा इस पर्व का समापन हो जाता है। वहीं इस बैठक में मुख्य रूप से छोटू मुर्मू, रमेश सोरेन, विजय महतो, वीरेंद्र मुर्मू, लखीराम महतो, गणेश हेम्ब्रम, विनोद मराण्डी, मन्टू मुर्मू आदि लोग उपस्थित थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
सोमवार को बेसरबाटी पंचायत के चुरलीहाट माँझी स्थान में आदिवासी समुदाय के आगामी पर्व सोहराय को लेकर एक बैठक का आयोजन माँझी प्रगणा ऐवेन वैसी के जिलाध्यक्ष अर्जुन हेम्ब्रम की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में आदिवासी समुदाय का महापर्व सोहराय जो 9 जनवरी प्रारंभ होगा तथा उसका समापन 14 जनवरी को होगा। सोहराय पर्व को सफलता पूर्वक मनाने को लेकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन 9 जनवरी को चुरलीहाट माँझी स्थान में किया जाएगा जिसके मुख्य अतिथि जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक राज किशोर हांसदा व माध्यमिक बोर्ड के बड़ाबाबू टुकाय सोरेन होंगे।
बताते चलें कि आदिवासी बहुल्य इलाकों में इन दिनों सोहराय पर्व को लेकर लोग इसकी तैयारियां में जुट गए हैं। आदिवासी समाज के लोगों ने अपने घरों को सजाना शुरु कर दिया है। ग्रामीण इलाके में बने मिट्टी की दीवारों को मिट्टी से बने अलग-अलग रंगों से मनमोहक कलाकृतियां बनाने में लगे हैं। जिसे देखकर ऐसा लगता है कि किसी बड़े कलाकार ने इन्हें सजाया है। पांच दिनों तक मनाए जाने वाला यह पर्व प्रकृति, जल, हरियाली एवं कृषि से जुड़ा हुआ है। इस पर्व में मुख्यतः पशु, गाय व बैल की पूजा होती है। पशुओं को सजाकर उन्हें गांव-गांव घुमाया जाता है तथा पूजा-अर्चना भी की जाती है। माँझी परगना एवन वैसी के सचिव मुकेश हेम्ब्रम ने बताया कि इस पर्व में आदिवासी समुदाय के लोग अपने बहन व अन्य रिश्तेदारों को बुलाते हैं। महिलाओं व पुरुषों की टोली बांसुरी, ढोल, नगारा व मांदर बजाकर नृत्य कर अपनी खुशियों को बांटते हैं। मकर संक्रांति के दिन शिकार पर जा इस पर्व का समापन हो जाता है। वहीं इस बैठक में मुख्य रूप से छोटू मुर्मू, रमेश सोरेन, विजय महतो, वीरेंद्र मुर्मू, लखीराम महतो, गणेश हेम्ब्रम, विनोद मराण्डी, मन्टू मुर्मू आदि लोग उपस्थित थे।
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