सारस न्यूज, किशनगंज।
रविवार को आनंद मार्ग प्रचारक संघ जिला इकाई किशनगंज द्वारा नगर स्थित आनंद मार्ग जागृति स्कूल ठाकुरगंज में दो दिवसीय अध्यात्मिक साधना संबंधित जिला स्तरीय सेमिनार का समापन गया। सेमिनार के दौरान भक्ति से ओतप्रोत प्रभात संगीत व बाबा नाम केवलम अष्टाक्षरी मंत्र का अखंड संकीर्तन का भी आयोजन हुआ। सेमिनार के समाप्ति के उपरांत सभी आनंदमार्गियों तथा जरूरतमंदों को नारायण सेवा के तहत भोजन कराया गया।
इस सेमिनार में आनंद मार्ग प्रचारक संघ के केंद्रीय धर्म प्रचारक आचार्य शुभदीपानंद अवधूत ने रविवार को पहले सेशन में भागवत धर्म के विषय पर विस्तृत रूप से बताया कि जहां धर्म है वही ईष्ट है और जहां ईष्ट है वही जय है। मनुष्य का धर्म भागवत धर्म और पशु का धर्म को जीव धर्म या जैव धर्म कहते हैं। आहार निद्रा, भय और वंश बढ़ाने का गुण जीव और मनुष्य में है किंतु विशेष बुद्धि और विवेक रहने के कारण मानव जीवों से उन्नत है। इसलिए मनुष्य का धर्म भागवत धर्म है। भागवत धर्म का मतलब परमात्मा के प्रति याचना, परम पुरुष को जानना और उनको पाने का प्रयास करना हैं।
वहीं उन्होंने दूसरे सत्र में आनंदमार्गियों को प्रत्याहार योग के विषय में बताया कि अष्टांगयोग का पाँचवाँ अंग प्रत्याहार है। वासनाओं की ओर जो इंद्रियाँ निरंतर गमन करती रहती हैं, उनकी इस गति को अपने अंदर ही लौटाकर आत्मा की ओर लगाना या स्थिर रखने का प्रयास करना प्रत्याहार है। जिस प्रकार कछुआ अपने अंगों को समेट लेता है उसी प्रकार इंद्रियों को इन घातक वासनाओं से विमुख कर अपनी आंतरिकता की ओर मोड़ देने का प्रयास करना ही प्रत्याहार है।
इस मौके पर आनंदमार्ग प्रचारक संघ के जिला भुक्ति सुमन भारती ने कहा कि साधना करने से मन में सकारात्मक सोच का जन्म होता है और जीवन में हताशा और निराशा से बच कर अपने जीवन को आनंदमय बना सकते हैं। उन्होंने बताया कि मानव को डरने की कोई जरूरत नहीं है, परम पुरुष हमारे साथ हैं। परम पुरुष के बाहर में और कोई दूसरी सत्ता नहीं है, क्योंकि सबकुछ उनकी मानस कल्पना है।
वहीं इस अवसर पर आचार्य लीलाधीशानंद अवधूत, रंजीत सरकार, कृष्ण प्रसाद सिंह, राजीव रंजन, अमोद साह, प्रकाश मंडल, चयन कुमार, कुंदन गुप्ता, नीरज यादव, विद्यानाथ यादव, राजेश सिंह, गौरंग सिंह, सुदाम पहान, सरस्वती देवी, कमला दास, चंद्रमाया देवी, पुष्पा देवी, मंगला देवी, लक्ष्मी देवी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय व पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से आनन्दमार्गियों ने भाग लिया।
वहीं उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में बलाई सिंह, सुबोध यादव, गोपाल मंडल, संटू विशवास, कृष्णा सरकार, शुभम साहा, रतिलाल सिंह, सुरजीत आचार्य आदि ने महत्ती भूमिका निभाई।