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ठाकुरगंज में मध्य विद्यालय चुरली में स्कूल परिचालन के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से क्षेत्र में फैला दशहत, बाल – बाल बचे स्कूल के बच्चे।

सारस न्यूज, किशनगंज।

मंगलवार के सुबह करीब 11 बजे ठाकुरगंज प्रखंड के बेसरबाटी पंचायत में स्थित मध्य विद्यालय चुरली में स्कूल परिचालन के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से विद्यालय सहित आसपास के क्षेत्र में दशहत फैल गया। उस समय क्षेत्र में मुसलाधार बारिश हो रही थी जब आसमान से आफत बरसी थी। अचानक तेज गरज व चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने से विद्यालय में भगदड़ मच गया। शुक्र था कि विद्यालय में उस वक्त 248 बच्चें एवं 13 शिक्षक – शिक्षिकाएं मौजूद थे पर इन पर कोई नुक्सान नहीं हुआ। आकाशीय बिजली स्कुल परिसर के पश्चिम दिशा में स्कूल बिल्डिंग के किनारे गिरी जिससे विद्यालय का दीवार पूरी तरह ढह गया और स्कूल बिल्डिंग को भी मामूली क्षति पहुंची। वहीं बिजली गिरने की तेज आवाज से सभी बच्चे सहम गए। आवाज सुनकर गांव के लोग स्कूल की ओर दौड़ पड़े। अभिभावक अपने- अपने बच्चों को खोजने लगे और अपने बच्चों को सुरक्षित देख कर सबों ने राहत की सांस ली हालांकि आकाशीय बिजली गिरने से बच्चे या शिक्षकों को कहीं भी चोट नहीं पहुंची और सभी बाल बाल बच गए।

वहीं दूसरी ओर विद्यालय के पूरब दिशा में स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा -चुरलीहाट में भी आकाशीय बिजली का प्रभाव पड़ा। बैंक के कई कंप्यूटर के यूपीएस क्षतिग्रस्त हो गए। इसके अलावा भी कई इलेक्ट्रोनिक चीजों को नुकसान पहुंचा।इस संबंध में मध्य विद्यालय चुरली के प्रधानाध्यापिका माधुरी कुमारी ने बताया कि सुबह करीब 11 बजे जब सभी शिक्षक – शिक्षिकाएं वर्ग कक्ष में बच्चों को पढ़ा रहा थे तभी अचानक मुसलाधार बारिश के बीच स्कुल के वर्ग कक्ष- तीन  की ओर आकाशीय बिजली गिरी जिससे एक क्लास रूम की दिवार ढह गई। बिजली के गिरने से स्कूल में पड़ी विद्युत कनेक्शन पूरी तरह नष्ट हो गया। उन्होंने बताया कि बिजली की गरज व धमक से विद्यालय भवन के कई स्थान प्लास्टर व जोड़ाई उखड़ कर दूर जा गिरा। वहीं स्थानीय लोग अरुण सिंह, कमलेश घोष, सुरज कुमार, प्रमोद कुमार, सुबोध कुमार आदि ने बताया कि इस क्षेत्र में और खासकर इस मौसम में आसमानी बिजली कड़कती रहती है। ऐसे में इस क्षेत्र के सरकारी विद्यालय में तड़ित चालक यंत्र (लाइटिंग कंडक्टर) लगाया जाना चाहिए जिससे जानमाल की हानि न हो। पर विभागीय उदासीनता के कारण स्कूलों में तड़ित यंत्र नहीं लगाए गए हैं। यदि समय रहते स्कूल के भवन पर बिजली से बचाव के लिए तड़ित यंत्र नहीं लगाये गए तो विभाग की इस लापरवाही का खामियाजा नौनिहालों को भुगतना पड़ सकता है।

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