सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
केंद्र सरकार ने बुधवार को 57 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी दी है, जिनमें से 19 स्कूल बिहार में स्थापित किए जाएंगे। इस निर्णय के बाद, बिहार राज्य के कई उन जिलों में भी केंद्रीय विद्यालय खुलने की राह प्रशस्त होगी, जहाँ अब तक ऐसी सुविधा नहीं थी।
विस्तार एवं उद्देश्य
- केंद्र द्वारा स्वीकृत 57 नए KVS भारत के 17 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित किए जाएंगे।
- इन 57 विद्यालयों के निर्माण व संचालन हेतु कुल अनुमानित लागत ₹5,862.55 करोड़ रखी गई है, जिसमें पूंजी व्यय और परिचालन व्यय दोनों शामिल हैं।
- पहली बार इन नए विद्यालयों में Balvatika (पूर्व-प्राथमिक कक्षा) की व्यवस्था शामिल की जाएगी।
- उन जिलों में KVS बनाए जाएंगे जिनमें पहले केंद्र विद्यालय नहीं हैं — इस प्रकार शिक्षा का विस्तार व्यापक होगा।
- बिहार को मिले 19 नए विद्यालयों का लाभ छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच देना है।
बिहार में स्थिति एवं चुनौतियाँ
बिहार के उन कई जिलों — जैसे मधुबनी, शेखपुरा, कैमूर, पूर्वी चंपारण और अरवल — में अब तक केंद्रीय विद्यालय नहीं थे। अब नए आवंटन के बाद, इन जिलों में केंद्रीय विद्यालय खोलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। हालाँकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कुल कितने केंद्रीय विद्यालय बिहार में पहले से सक्रिय हैं और स्वीकृत हो चुके हैं। कई समाचारों में कहा गया है कि बिहार को 19 विद्यालय दिए जाने के बाद राज्य में KVS की संख्या बहुत बढ़ जाएगी।
प्रतिक्रिया एवं अपेक्षित लाभ
राज्य सरकार ने इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि नए विद्यालयों हेतु स्थायी भवन निर्माण, फर्नीचर और प्रारंभिक परिचालन गतिविधियों के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।
शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों की राय है कि इस कदम से ग्रामीण एवं पिछड़े इलाकों के छात्रों को बेहतर अवसर मिलेंगे और केंद्र सरकार की शिक्षा नीति को गति मिलेगी।