• Thu. Dec 18th, 2025

Saaras News - सारस न्यूज़ - चुन - चुन के हर खबर, ताकि आप न रहें बेखबर

हिजाब विवाद पर घिरे नीतीश कुमार, वायरल वीडियो को लेकर सियासी बवाल।

सारस न्यूज़, वेब डेस्क।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सियासी घमासान तेज हो गया है। वीडियो में मुख्यमंत्री एक महिला डॉक्टर का हिजाब हटाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस मामले को लेकर बुधवार को विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी, वहीं हैदराबाद की महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह ने राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) में शिकायत दर्ज कराई है।

यह घटना सोमवार को उस समय हुई जब मुख्यमंत्री सचिवालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जा रहे थे। कार्यक्रम में एक हजार से अधिक डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र दिए गए, जिनमें नुसरत परवीन नाम की एक महिला डॉक्टर भी शामिल थीं, जो हिजाब पहनकर मंच पर पहुंची थीं।

बताया जा रहा है कि जब नुसरत परवीन नियुक्ति पत्र लेने मंच पर आईं, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें देखकर सवाल किया और उनका घूंघट हटाते हुए चेहरा सामने कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सामने आते ही सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं शुरू हो गईं और मामला राजनीतिक बहस का विषय बन गया।

विवाद बढ़ने के बाद जनता दल (यूनाइटेड) ने मुख्यमंत्री का बचाव किया। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि एक क्षणिक घटना को अनावश्यक रूप से बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। उनके अनुसार मुख्यमंत्री केवल डॉक्टर की पहचान जानना चाहते थे, लेकिन इसे राजनीतिक और धार्मिक रंग दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण और अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए नीतीश कुमार के कार्यों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

इस बीच यह भी चर्चा थी कि संबंधित महिला डॉक्टर ने विवाद के बाद नौकरी जॉइन करने से इनकार कर दिया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि न तो डॉक्टर की ओर से और न ही उनके परिवार की तरफ से ऐसा कोई पत्र या बयान मिला है।

जहां विपक्षी दलों के कई नेताओं ने मुख्यमंत्री के व्यवहार पर सवाल उठाते हुए उनकी मानसिक स्थिति तक पर टिप्पणी की, वहीं कुछ नेताओं ने उनका समर्थन भी किया। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक पिता की तरह व्यवहार किया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार उम्र में महिला डॉक्टर के पिता से भी बड़े हो सकते हैं और उनका व्यवहार स्नेहपूर्ण था।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी मुख्यमंत्री का समर्थन करते हुए कहा कि इस पूरे मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि नियुक्ति पत्र लेने आई महिला को चेहरा दिखाने में आपत्ति क्यों होनी चाहिए, जबकि मतदान जैसे कार्यों में पहचान के लिए चेहरा दिखाना पड़ता है।

वहीं, पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने इस घटना को बेहद शर्मनाक बताते हुए मुख्यमंत्री की स्थिति पर सवाल खड़े किए। समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह कृत्य दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य के सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति से इस तरह के व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती और इसका समाज पर गलत प्रभाव पड़ सकता है।


By Hasrat

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *