सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
बिहार की राजनीति में शुक्रवार को नया हलचल उस समय देखने को मिला जब जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने संकेत दिया कि पार्टी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को सक्रिय राजनीति में देखने के इच्छुक हैं।
पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए झा ने कहा कि पार्टी समर्थकों की लंबे समय से यह इच्छा रही है कि 49 वर्षीय इंजीनियर निशांत राजनीति में प्रवेश करें और संगठन को नई ऊर्जा दें।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अंतिम निर्णय निशांत कुमार का ही होगा। उनके मुताबिक, “पार्टी के लोग चाहते हैं कि निशांत आगे आएँ और योगदान दें। कब और कैसे—यह पूरी तरह उनका व्यक्तिगत फैसला है।”
दिलचस्प बात यह रही कि बयान के दौरान निशांत कुमार मौके पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
उत्तराधिकार को लेकर बढ़ी सुगबुगाहट
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब तक अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी को लेकर कभी कोई खुलकर बात नहीं की है। उनकी उम्र और स्वास्थ्य को लेकर बीच-बीच में उठने वाले सवालों के बीच यह मुद्दा बार-बार चर्चा में आ जाता है।
नीतीश कुमार अक्सर वंशवाद के खिलाफ राजनीतिक बयान देते रहे हैं और इस मुद्दे पर आरजेडी को निशाने पर लेते रहे हैं।
निशांत की बढ़ती सार्वजनिक मौजूदगी
पिछले कुछ महीनों में निशांत कुमार कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में दिखाई दिए हैं और विभिन्न मंचों पर पिता की सरकार की सराहना भी करते रहे हैं।
2025 के विधानसभा चुनावों के दौरान पटना और नालंदा में उनके समर्थन में पोस्टर भी लगे थे, जिनमें उनसे राजनीति में आने की अपील की गई थी, हालांकि उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
जेडीयू का मजबूत प्रदर्शन
हालिया बिहार विधानसभा चुनावों में जेडीयू ने शानदार प्रदर्शन किया था। पार्टी ने 243 सदस्यीय सदन में 85 सीटें जीतकर 2020 के मुकाबले लगभग दोगुना बढ़त हासिल की।
इस मजबूत जनादेश के बीच अब पार्टी के भीतर नई पीढ़ी की भूमिका को लेकर चर्चाएँ तेज़ हो गई हैं।
