पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा सरकारी नेत्र अस्पताल बनकर तैयार हो गया है, जहां अत्याधुनिक इलाज की सुविधा मिलेगी। इस अस्पताल का उद्घाटन 6 सितंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा किया जाएगा। 188 करोड़ रुपये की लागत से बने इस नेत्र अस्पताल में कुल 154 बेड उपलब्ध होंगे।
एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी सभी चिकित्सा सुविधाएं
सरकार का उद्देश्य है कि मरीजों को एक ही छत के नीचे सभी आवश्यक सुविधाएं मिलें। इस नेत्र अस्पताल में कॉर्निया और रिफ्रैक्टिव सर्जरी, ग्लूकोमा, रेटिना से जुड़ी समस्याएं, मोतियाबिंद जैसी बीमारियों के इलाज की उन्नत सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, अस्पताल में 24 घंटे इमरजेंसी सेवाएं भी चालू रहेंगी। मरीजों की सुविधा के लिए 12 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर बनाए गए हैं, जहां रोजाना 1500 से 2000 मरीज अपनी आंखों का इलाज करवा सकेंगे। अस्पताल में कुल 149 डॉक्टरों की टीम मरीजों की सेवा में तैनात होगी, जिससे राज्य के लोगों को उच्च स्तरीय नेत्र चिकित्सा का विकल्प मिल सकेगा।
आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा अस्पताल
IGIMS के अधीक्षक मनीष मंडल ने बताया कि इस अस्पताल में सभी आधुनिक सुविधाएं मरीजों को उपलब्ध कराई जाएंगी। आई ट्रॉमा के मामलों में त्वरित इलाज की सुविधा भी यहां उपलब्ध होगी। न्यूरोलॉजिकल विकारों के कारण आंखों में होने वाली समस्याओं के इलाज के लिए भी एक अलग सेंटर बनाया गया है।
बुजुर्गों के लिए विशेष ओपीडी की व्यवस्था
इसके अतिरिक्त, यहां शोध की भी सुविधा उपलब्ध होगी, ताकि विभिन्न बीमारियों के कारण आंखों पर पड़ने वाले प्रभावों से निपटा जा सके। बुजुर्ग मरीजों के लिए अलग ओपीडी की व्यवस्था की गई है, और गंभीर नेत्र रोगों के त्वरित इलाज के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं, ताकि उनका इलाज जल्द से जल्द संभव हो सके।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा सरकारी नेत्र अस्पताल बनकर तैयार हो गया है, जहां अत्याधुनिक इलाज की सुविधा मिलेगी। इस अस्पताल का उद्घाटन 6 सितंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा किया जाएगा। 188 करोड़ रुपये की लागत से बने इस नेत्र अस्पताल में कुल 154 बेड उपलब्ध होंगे।
एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी सभी चिकित्सा सुविधाएं
सरकार का उद्देश्य है कि मरीजों को एक ही छत के नीचे सभी आवश्यक सुविधाएं मिलें। इस नेत्र अस्पताल में कॉर्निया और रिफ्रैक्टिव सर्जरी, ग्लूकोमा, रेटिना से जुड़ी समस्याएं, मोतियाबिंद जैसी बीमारियों के इलाज की उन्नत सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, अस्पताल में 24 घंटे इमरजेंसी सेवाएं भी चालू रहेंगी। मरीजों की सुविधा के लिए 12 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर बनाए गए हैं, जहां रोजाना 1500 से 2000 मरीज अपनी आंखों का इलाज करवा सकेंगे। अस्पताल में कुल 149 डॉक्टरों की टीम मरीजों की सेवा में तैनात होगी, जिससे राज्य के लोगों को उच्च स्तरीय नेत्र चिकित्सा का विकल्प मिल सकेगा।
आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा अस्पताल
IGIMS के अधीक्षक मनीष मंडल ने बताया कि इस अस्पताल में सभी आधुनिक सुविधाएं मरीजों को उपलब्ध कराई जाएंगी। आई ट्रॉमा के मामलों में त्वरित इलाज की सुविधा भी यहां उपलब्ध होगी। न्यूरोलॉजिकल विकारों के कारण आंखों में होने वाली समस्याओं के इलाज के लिए भी एक अलग सेंटर बनाया गया है।
बुजुर्गों के लिए विशेष ओपीडी की व्यवस्था
इसके अतिरिक्त, यहां शोध की भी सुविधा उपलब्ध होगी, ताकि विभिन्न बीमारियों के कारण आंखों पर पड़ने वाले प्रभावों से निपटा जा सके। बुजुर्ग मरीजों के लिए अलग ओपीडी की व्यवस्था की गई है, और गंभीर नेत्र रोगों के त्वरित इलाज के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं, ताकि उनका इलाज जल्द से जल्द संभव हो सके।
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