पटना: उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री ने विभागीय पदाधिकारियों के साथ राज्य उच्च पथ एवं वृह्त जिला पथ के अनुरक्षण को प्राथमिकता देने का निर्देश विभागस्तरीय समीक्षा बैठक में दिया है। पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत निर्मित पथों के बेहतर रखरखाव के लिए एक व्यवस्था पूर्व से स्थापित है। इसके संबंध में अभियंता प्रमुख एवं सभी मुख्य अभियंताओं द्वारा उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री के समक्ष एक प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया गया।
प्रस्तुतीकरण में अभियंताओं ने उप मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि अनुरक्षण के अंतर्गत चयनित पथों का स्थलीय निरीक्षण कनीय अभियंता को सप्ताह में कम से कम एक बार, सहायक अभियंता को 15 दिनों में एक बार, कार्यपालक अभियंता को महीने में एक बार, एवं अधीक्षण अभियंता को क्षेत्राधीन पथांश के एक तिहाई भाग का अनिवार्य होगा।
उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री ने विभागीय पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्धारित निरीक्षण सभी पदाधिकारियों द्वारा किया जा रहा है अथवा नहीं, इसकी नियमित समीक्षा की जाए। प्रत्येक माह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पाँच कनीय अभियंता, पाँच सहायक अभियंता एवं पाँच कार्यपालक अभियंता को डिजिटल माध्यम से पुरस्कृत किया जाएगा, साथ ही कार्य में उदासीन अभियंताओं की पहचान कर नियमानुसार अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि प्रत्येक स्तर के अभियंताओं के स्थलीय निरीक्षण की जानकारी राज्य के आमजन को 15 अगस्त को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए, ताकि आमजन भी अपने आस-पास के पथों की समस्याएं विभाग स्तर पर ऑनलाइन सूचित कर सकें।
उप मुख्यमंत्री ने सभी मुख्य अभियंताओं को स्पष्ट निर्देश दिया कि वर्तमान समय में वर्षा के कारण पथों के क्षतिग्रस्त होने या आवागमन बाधित होने की संभावना ज्यादा रहती है। अपने क्षेत्र के अंतर्गत ऐसी समस्याएं उत्पन्न न हों, इसे सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बारिश के मौसम में पथ संधारण में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत पथों को ग्यारह अंचल एवं 48 प्रमण्डलों में बाँटा गया है। समीक्षा में पदाधिकारियों ने उप मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वर्तमान में अनुरक्षण की यह व्यवस्था 44 प्रमण्डलों में लागू है। शेष 4 प्रमण्डलों में भी अनुरक्षण की इस व्यवस्था को लागू करने के संबंध में नियमानुसार कार्रवाई का निर्देश उप मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया।
उप मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि 15 अगस्त से आमजन अपने आस-पास के पथों के त्वरित संधारण हेतु विभाग को ऑनलाइन भी सूचित कर सकेंगे, जिससे पथों का त्वरित गति से संधारण संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि सभी अभियंताओं और संवेदकों को मेरा स्पष्ट संदेश है कि किसी भी स्थिति में कार्य में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सारस न्यूज़, किशनगंज।
पटना: उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री ने विभागीय पदाधिकारियों के साथ राज्य उच्च पथ एवं वृह्त जिला पथ के अनुरक्षण को प्राथमिकता देने का निर्देश विभागस्तरीय समीक्षा बैठक में दिया है। पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत निर्मित पथों के बेहतर रखरखाव के लिए एक व्यवस्था पूर्व से स्थापित है। इसके संबंध में अभियंता प्रमुख एवं सभी मुख्य अभियंताओं द्वारा उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री के समक्ष एक प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया गया।
प्रस्तुतीकरण में अभियंताओं ने उप मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि अनुरक्षण के अंतर्गत चयनित पथों का स्थलीय निरीक्षण कनीय अभियंता को सप्ताह में कम से कम एक बार, सहायक अभियंता को 15 दिनों में एक बार, कार्यपालक अभियंता को महीने में एक बार, एवं अधीक्षण अभियंता को क्षेत्राधीन पथांश के एक तिहाई भाग का अनिवार्य होगा।
उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री ने विभागीय पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्धारित निरीक्षण सभी पदाधिकारियों द्वारा किया जा रहा है अथवा नहीं, इसकी नियमित समीक्षा की जाए। प्रत्येक माह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पाँच कनीय अभियंता, पाँच सहायक अभियंता एवं पाँच कार्यपालक अभियंता को डिजिटल माध्यम से पुरस्कृत किया जाएगा, साथ ही कार्य में उदासीन अभियंताओं की पहचान कर नियमानुसार अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि प्रत्येक स्तर के अभियंताओं के स्थलीय निरीक्षण की जानकारी राज्य के आमजन को 15 अगस्त को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए, ताकि आमजन भी अपने आस-पास के पथों की समस्याएं विभाग स्तर पर ऑनलाइन सूचित कर सकें।
उप मुख्यमंत्री ने सभी मुख्य अभियंताओं को स्पष्ट निर्देश दिया कि वर्तमान समय में वर्षा के कारण पथों के क्षतिग्रस्त होने या आवागमन बाधित होने की संभावना ज्यादा रहती है। अपने क्षेत्र के अंतर्गत ऐसी समस्याएं उत्पन्न न हों, इसे सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बारिश के मौसम में पथ संधारण में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत पथों को ग्यारह अंचल एवं 48 प्रमण्डलों में बाँटा गया है। समीक्षा में पदाधिकारियों ने उप मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वर्तमान में अनुरक्षण की यह व्यवस्था 44 प्रमण्डलों में लागू है। शेष 4 प्रमण्डलों में भी अनुरक्षण की इस व्यवस्था को लागू करने के संबंध में नियमानुसार कार्रवाई का निर्देश उप मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया।
उप मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि 15 अगस्त से आमजन अपने आस-पास के पथों के त्वरित संधारण हेतु विभाग को ऑनलाइन भी सूचित कर सकेंगे, जिससे पथों का त्वरित गति से संधारण संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि सभी अभियंताओं और संवेदकों को मेरा स्पष्ट संदेश है कि किसी भी स्थिति में कार्य में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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