बिहार के गोपालगंज जिले में प्रशासन ने एक कड़ा फैसला लेते हुए जिले में चल रहे ऑर्केस्ट्रा कार्यक्रमों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यह निर्णय समाज में बढ़ रही अश्लीलता, हर्ष फायरिंग और आपत्तिजनक गीतों के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए लिया गया है।
जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल, ओड़िशा समेत अन्य राज्यों से आई महिला डांसरों को तत्काल ऑर्केस्ट्रा कार्यक्रम बंद कर जिला छोड़ने का निर्देश दिया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि ऑर्केस्ट्रा कार्यक्रमों के नाम पर खुलेआम अश्लीलता परोसी जा रही है। कई आयोजनों में हर्ष फायरिंग की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिससे जन सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो रहा था। इसके अलावा इन आयोजनों में शामिल गीतों की भाषा और प्रस्तुतियां सामाजिक मर्यादाओं के विपरीत पाई गईं।
प्रशासन का कहना है कि कुछ ऑर्केस्ट्रा संचालक लगातार ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर समाज में गलत संदेश फैला रहे थे। उन्होंने न केवल अश्लीलता को बढ़ावा दिया, बल्कि युवा वर्ग को भी दिग्भ्रमित करने का काम किया।
जिला प्रशासन ने सभी थाना क्षेत्रों को निर्देश दिया है कि वे अपने स्तर पर निगरानी रखते हुए ऐसे आयोजनों पर पूर्ण रोक लगाएं और नियमों का उल्लंघन होने पर तत्काल कार्रवाई करें।
निष्कर्षतः, गोपालगंज प्रशासन का यह कदम सामाजिक शालीनता और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एक सख्त और साहसिक पहल मानी जा रही है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस फैसले का स्थायी असर जिले के सांस्कृतिक परिवेश पर कितना पड़ता है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
बिहार के गोपालगंज जिले में प्रशासन ने एक कड़ा फैसला लेते हुए जिले में चल रहे ऑर्केस्ट्रा कार्यक्रमों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यह निर्णय समाज में बढ़ रही अश्लीलता, हर्ष फायरिंग और आपत्तिजनक गीतों के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए लिया गया है।
जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल, ओड़िशा समेत अन्य राज्यों से आई महिला डांसरों को तत्काल ऑर्केस्ट्रा कार्यक्रम बंद कर जिला छोड़ने का निर्देश दिया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि ऑर्केस्ट्रा कार्यक्रमों के नाम पर खुलेआम अश्लीलता परोसी जा रही है। कई आयोजनों में हर्ष फायरिंग की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिससे जन सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो रहा था। इसके अलावा इन आयोजनों में शामिल गीतों की भाषा और प्रस्तुतियां सामाजिक मर्यादाओं के विपरीत पाई गईं।
प्रशासन का कहना है कि कुछ ऑर्केस्ट्रा संचालक लगातार ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर समाज में गलत संदेश फैला रहे थे। उन्होंने न केवल अश्लीलता को बढ़ावा दिया, बल्कि युवा वर्ग को भी दिग्भ्रमित करने का काम किया।
जिला प्रशासन ने सभी थाना क्षेत्रों को निर्देश दिया है कि वे अपने स्तर पर निगरानी रखते हुए ऐसे आयोजनों पर पूर्ण रोक लगाएं और नियमों का उल्लंघन होने पर तत्काल कार्रवाई करें।
निष्कर्षतः, गोपालगंज प्रशासन का यह कदम सामाजिक शालीनता और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एक सख्त और साहसिक पहल मानी जा रही है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस फैसले का स्थायी असर जिले के सांस्कृतिक परिवेश पर कितना पड़ता है।
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