बिहार में जितिया पर्व की खुशियां बुधवार को दर्दनाक हादसों में बदल गईं, जब औरंगाबाद, रोहतास, सारण और अन्य जिलों में स्नान करते वक्त 12 से अधिक बच्चों की डूबने से मृत्यु हो गई। औरंगाबाद जिले के बारुण और मदनपुर प्रखंड में सबसे ज्यादा हादसे हुए, जहां व्रतियों के साथ तालाब में नहाने गए 9 बच्चे डूब गए, जिनमें से 8 की मौत हो गई। वहीं, छपरा में 5 बच्चों ने अपनी जान गंवा दी, जबकि रोहतास में अलग-अलग घटनाओं में चार बच्चों की मौत हुई। अरवल और कैमूर जिलों में भी एक-एक बच्चे के डूबने की खबर है।
बुधवार को बिहार के विभिन्न हिस्सों में जितिया पर्व मनाया गया, जिसमें महिलाएं अपने बच्चों के साथ नदी, तालाब और जलाशयों पर स्नान करने पहुंचीं। इस दौरान कई स्थानों पर डूबने की घटनाएं हुईं, जिनमें कई मासूमों की मौत हो गई। औरंगाबाद के बारुण थाना क्षेत्र में ईटहट गांव के तालाब में स्नान करते समय 5 बच्चियां डूब गईं, जिनमें से 4 की मौत हो गई। वहीं, एक बच्ची को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसी तरह मदनपुर थाना क्षेत्र के कुशहा गांव में स्नान के दौरान 4 बच्चों की डूबने से जान चली गई।
रोहतास जिले में भी कई स्थानों पर हादसे हुए। डेहरी के डालमियानगर में जितिया पर्व पर सोन नदी में डुबकी लगाने के दौरान एक किशोर डूब गया। उसकी तलाश के लिए गोताखोरों की मदद ली जा रही है। दिनारा थाना क्षेत्र के धवनिया गांव में भी स्नान के दौरान दो बच्चे डूबे, जिसमें 8 साल के एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि दूसरी 7 साल की बच्ची की हालत नाजुक बताई जा रही है। चेनारी में मां के साथ स्नान करने गई 12 वर्षीय बच्ची भी तालाब में डूब गई।
अरवल जिले के बख्तारी सूर्य मंदिर के पोखर में आठ वर्षीय बच्ची के डूबने से उसकी मौत हो गई। यह बच्ची अपनी मां के साथ स्नान के लिए पोखर गई थी। स्नान के दौरान बच्ची पोखर में डूब गई, जिससे उसकी जान चली गई। वहीं कैमूर जिले के सोनहन थाना क्षेत्र के तरहनी गांव के सूर्य मंदिर तालाब में 10 वर्षीय रोहन बिंद की डूबने से मौत हो गई, जो अपने परिवार के साथ स्नान करने आया था।
ये हादसे जितिया पर्व के दौरान हुए, जहां खुशी का माहौल अचानक मातम में तब्दील हो गया।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
बिहार में जितिया पर्व की खुशियां बुधवार को दर्दनाक हादसों में बदल गईं, जब औरंगाबाद, रोहतास, सारण और अन्य जिलों में स्नान करते वक्त 12 से अधिक बच्चों की डूबने से मृत्यु हो गई। औरंगाबाद जिले के बारुण और मदनपुर प्रखंड में सबसे ज्यादा हादसे हुए, जहां व्रतियों के साथ तालाब में नहाने गए 9 बच्चे डूब गए, जिनमें से 8 की मौत हो गई। वहीं, छपरा में 5 बच्चों ने अपनी जान गंवा दी, जबकि रोहतास में अलग-अलग घटनाओं में चार बच्चों की मौत हुई। अरवल और कैमूर जिलों में भी एक-एक बच्चे के डूबने की खबर है।
बुधवार को बिहार के विभिन्न हिस्सों में जितिया पर्व मनाया गया, जिसमें महिलाएं अपने बच्चों के साथ नदी, तालाब और जलाशयों पर स्नान करने पहुंचीं। इस दौरान कई स्थानों पर डूबने की घटनाएं हुईं, जिनमें कई मासूमों की मौत हो गई। औरंगाबाद के बारुण थाना क्षेत्र में ईटहट गांव के तालाब में स्नान करते समय 5 बच्चियां डूब गईं, जिनमें से 4 की मौत हो गई। वहीं, एक बच्ची को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसी तरह मदनपुर थाना क्षेत्र के कुशहा गांव में स्नान के दौरान 4 बच्चों की डूबने से जान चली गई।
रोहतास जिले में भी कई स्थानों पर हादसे हुए। डेहरी के डालमियानगर में जितिया पर्व पर सोन नदी में डुबकी लगाने के दौरान एक किशोर डूब गया। उसकी तलाश के लिए गोताखोरों की मदद ली जा रही है। दिनारा थाना क्षेत्र के धवनिया गांव में भी स्नान के दौरान दो बच्चे डूबे, जिसमें 8 साल के एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि दूसरी 7 साल की बच्ची की हालत नाजुक बताई जा रही है। चेनारी में मां के साथ स्नान करने गई 12 वर्षीय बच्ची भी तालाब में डूब गई।
अरवल जिले के बख्तारी सूर्य मंदिर के पोखर में आठ वर्षीय बच्ची के डूबने से उसकी मौत हो गई। यह बच्ची अपनी मां के साथ स्नान के लिए पोखर गई थी। स्नान के दौरान बच्ची पोखर में डूब गई, जिससे उसकी जान चली गई। वहीं कैमूर जिले के सोनहन थाना क्षेत्र के तरहनी गांव के सूर्य मंदिर तालाब में 10 वर्षीय रोहन बिंद की डूबने से मौत हो गई, जो अपने परिवार के साथ स्नान करने आया था।
ये हादसे जितिया पर्व के दौरान हुए, जहां खुशी का माहौल अचानक मातम में तब्दील हो गया।
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