जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) ने शुक्रवार को बिहार बदलाव यात्रा के तहत गया में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने केंद्र सरकार पर बिहार के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि, “मोदी जी बिहार के लिए श्रमिक ट्रेनों की घोषणा करते हैं, जबकि गुजरात को बुलेट ट्रेन, सोलर पार्क और गिफ्ट सिटी जैसी आधुनिक सुविधाएँ मिलती हैं।”
प्रशांत किशोर ने मधुबनी दौरे के दौरान पीएम मोदी द्वारा सहरसा से श्रमिक ट्रेन शुरू करने की घोषणा पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “अगर उनमें साहस है, तो गुजरात या महाराष्ट्र में जाकर भी श्रमिक ट्रेनों की घोषणा करें। तमिलनाडु के लिए ट्रेन चलाने की बात करें, फिर देखें उन्हें वहाँ कितने वोट मिलते हैं।”
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि, “मोदी जी सिर्फ गुजरात के नहीं, बल्कि पूरे देश के, खासकर बिहार के भी प्रधानमंत्री हैं। फिर बिहार को बार-बार पलायन की पहचान क्यों दी जाती है? बिहार को श्रमिक ट्रेनों की नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार की ज़रूरत है।”
पीके ने कहा कि जन सुराज का मकसद बिहार के युवाओं को “जानवरों की तरह ट्रेनों में भरकर बाहर भेजने की मानसिकता” को समाप्त करना है। उन्होंने दावा किया कि जन सुराज इस सोच को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीके ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि जन सुराज का प्रयास रहेगा कि स्वच्छ छवि वाले ही उम्मीदवारों को टिकट दिया जाए। अगर किसी गलती से गलत व्यक्ति को टिकट मिल भी जाता है, तो जनता से अपील है कि वे उसे वोट न दें।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पास करने वाले आईएएस और आईपीएस अफसर भी हमेशा ईमानदार नहीं होते। ऐसे में किसी भी प्रणाली में चूक संभव है। लेकिन हमारा उद्देश्य यह रहेगा कि 243 सीटों पर ईमानदार और समाजसेवी छवि वाले ही उम्मीदवार खड़े हों।”
पीके ने दोहराया कि, “जन सुराज का लक्ष्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि बिहार को जीतना है।”
सारस न्यूज, किशनगंज।
जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) ने शुक्रवार को बिहार बदलाव यात्रा के तहत गया में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने केंद्र सरकार पर बिहार के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि, “मोदी जी बिहार के लिए श्रमिक ट्रेनों की घोषणा करते हैं, जबकि गुजरात को बुलेट ट्रेन, सोलर पार्क और गिफ्ट सिटी जैसी आधुनिक सुविधाएँ मिलती हैं।”
प्रशांत किशोर ने मधुबनी दौरे के दौरान पीएम मोदी द्वारा सहरसा से श्रमिक ट्रेन शुरू करने की घोषणा पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “अगर उनमें साहस है, तो गुजरात या महाराष्ट्र में जाकर भी श्रमिक ट्रेनों की घोषणा करें। तमिलनाडु के लिए ट्रेन चलाने की बात करें, फिर देखें उन्हें वहाँ कितने वोट मिलते हैं।”
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि, “मोदी जी सिर्फ गुजरात के नहीं, बल्कि पूरे देश के, खासकर बिहार के भी प्रधानमंत्री हैं। फिर बिहार को बार-बार पलायन की पहचान क्यों दी जाती है? बिहार को श्रमिक ट्रेनों की नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार की ज़रूरत है।”
पीके ने कहा कि जन सुराज का मकसद बिहार के युवाओं को “जानवरों की तरह ट्रेनों में भरकर बाहर भेजने की मानसिकता” को समाप्त करना है। उन्होंने दावा किया कि जन सुराज इस सोच को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीके ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि जन सुराज का प्रयास रहेगा कि स्वच्छ छवि वाले ही उम्मीदवारों को टिकट दिया जाए। अगर किसी गलती से गलत व्यक्ति को टिकट मिल भी जाता है, तो जनता से अपील है कि वे उसे वोट न दें।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पास करने वाले आईएएस और आईपीएस अफसर भी हमेशा ईमानदार नहीं होते। ऐसे में किसी भी प्रणाली में चूक संभव है। लेकिन हमारा उद्देश्य यह रहेगा कि 243 सीटों पर ईमानदार और समाजसेवी छवि वाले ही उम्मीदवार खड़े हों।”
पीके ने दोहराया कि, “जन सुराज का लक्ष्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि बिहार को जीतना है।”
Leave a Reply